-सरस्वती हार्ट केयर में मासूम की मौत, डॉक्टर्स पर लापरवाही और बदसलूकी का आरोप

-हॉस्पिटल में हुआ हंगामा करने पर धकियाकर बाहर किए गए परिजन

-ऑफिसर के हस्तक्षेप करने पर रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार हुई पुलिस, गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज

ALLAHABAD: खून मंगवा तो लिया लेकिन उसे बच्चे को चढ़ाया ही नहीं? नतीजा मासूम ने दम तोड़ दिया। इसके बाद भी प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टर्स की नजर में बच्चे के परिजनों के प्रति कोई सिम्पैथी नहीं थी। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने विरोध का स्वर मुखर किया तो उन्हें धकियाकर कैंपस से बाहर कर दिया गया। पुलिस भी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के साथ थी। भला हो पुलिस ऑफिसर्स का जिन्होंने प्रकरण को नोटिस ले लिया और बच्चे की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद थाने में गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया।

ताकि बच जाए बच्चे की जिंदगी

घर का चिराग था, इसलिए माता-पिता हर संभव इलाज के लिए तैयार थे। उन्होंने डॉक्टर को इस बारे में जानकारी भी दे दी थी। इसके बाद भी सरस्वती हार्ट केयर के डॉक्टर्स को मासूम पर इतना रहम नहीं आया कि इलाज नहीं कर सकते थे तो बच्चे को किसी दूसरे बड़े हॉस्पिटल में रिफर कर दें। बच्चे को बचा नहीं सके तो हाथ खड़े कर देने में कोई देरी नहीं की। इससे खफा लोगों ने हॉस्पिटल में हंगामा मचाना शुरू किया तो पुलिस बुला ली गई। पुलिस भी डॉक्टर्स के साथ थी। मामला किसी तरह से परिजनों ने आईजी तक पहुंचाया। इसके बाद पुलिस ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ थाने में मामला दर्ज किया।

शाम चार बजे हुआ था ऑपरेशन

चित्रकूट जनपद के राजापुर निवासी राजू गुप्ता के आठ साल के बेटे धैर्य को पिछले दिनों पेट दर्द की शिकायत हुई। परिजनों ने शहर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। सोमवार को अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे को हार्ट की बीमारी बताते हुए उसे इलाहाबाद के लाउदर रोड स्थित सरस्वती हार्ट केयर हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। यहां शाम चार बजे के करीब बच्चे का आपरेशन किया गया। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के लिए डॉक्टर द्वारा मांगी गई रकम भी तत्काल हॉस्पिटल के काउंटर पर जमा करा दी गई थी।

खून मंगाया लेकिन चढ़ाया नहीं

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को खून चढ़ाना होगा। इस पर परिजनों ने एक घंटे के अंदर खून का इंतजाम कर हॉस्पिटल स्टाफ को सौंप दिया। काफी देर तक जब बच्चे को खून चढ़ना शुरू नहीं हुआ तो परिजनों ने डॉक्टरों से बात की। इस पर वहां मौजूद डॉक्टर व अन्य स्टाफ टाल मटोल करने लगे। यह सिलसिला रात नौ बजे तक चलता रहा। इसके बाद बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ गई। आरोप है कि कई बार कहने के बाद भी डॉक्टर बच्चे को देखने नहीं आए और न ही उसे खून चढ़ाया गया। परिजनों के मुताबिक रात क्क् बजे के बाद उसकी सांसें थम गई। परिजनों का आरोप है कि जानकारी देने के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर करीब दो घंटे बाद वहां पहुंचे।

धक्का देकर बाहर निकाला

धैर्य अपने पिता राजू और मां सुरेखा की तीन संतानों में दूसरे नंबर का था। उसकी मौत ने परिजनों को तोड़कर रख दिया। डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हॉस्पिटल में बवाल काटना शुरू का दिया। उन्होंने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। परिजनों को मौके पर पहुंची पुलिस की शह पर डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टॉफ ने धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। परिजनों ने तहरीर देकर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की, लेकिन जार्ज टाउन थाने की पुलिस लीपापोती में जुटी रही। परिजनों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जिसके बाद आईजी के आदेश पर डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। रिपोर्टर ने घटना के संबंध में हॉस्पिटल के डायरेक्टर डीके अग्रवाल से बात करने की कोशिश की लेकिन न तो वह बात करने के लिए सामने आए और न ही फोन पर उपलब्ध हुए।