-120 महिलाओं को कराया गया मुक्त
- 10 पुरुषों व पांच संचालिकाओं को भी पकड़ा गया
- नारी संरक्षण गृह में रखा गया मुक्त कराई गई महिलाओं को
ALLAHABAD:
मीरगंज के रेड लाइट एरिया में रविवार को अब तक की सबसे बड़ी रेड डाली गई। पांच सौ से अधिक पुलिस वाले व प्रशासन के लोग दोपहर में रेड लाइट एरिया में पहुंच गए और घेरा डाल दिया। एक-एक मकान की तलाशी ली गई और पांच घंटे तक चली कार्रवाई में 120 महिलाओं को मुक्त कराया गया। महिलाओं के साथ 20 बच्चे भी हैं। इसमें एक दर्जन किशोरियां भी थीं। मुक्त कराई गई महिलाओं व किशोरियों को नारी संरक्षण गृह खुल्दाबाद में रखा गया है। पुलिस ने रेड लाइट एरिया से 10 पुरुषों व पांच कोठा संचालिकाओं को भी पकड़ा जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
सभी का कराया गया मेडिकल
जैसे ही पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई, रेड लाइट एरिया में भगदड़ मच गई। कई लोग तो छतों से कूदकर भागे तो कुछ की पुलिस ने जमकर खबर ली। कई लोगों को डांट फटकार व मुर्गा बनाने के बाद छोड़ दिया लेकिन 10 को पकड़ लिया गया। आरोप है कि यह लोग दलाली करते हैं। मीरगंज के कई मकानों को तो भीतर से बंद कर लिया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने धक्का मारकर दरवाजों को खोला और महिलाओं को बाहर निकालकर कोतवाली थाने पहुंचाया। यहां से सारी महिलाओं को धीरे-धीरे मेडिकल के लिए भेजा जाता और वहां से नारी सुधार संरक्षण गृह खुल्दाबाद पहुंचा दिया जाता।
रात तक चलती रही कार्रवाई
छापे की कार्रवाई में वाराणसी की एनजीओ गुडि़या भी शामिल थी। गुडि़या के 13 पदाधिकारियों ने उन मकानों की जानकारी पुलिस को दी जहां पर सेक्स वर्कर्स को रखे जाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मीरगंज के रेड लाइट एरिया के 17 मकानों को सील कर दिया है। पुलिस की कार्रवाई अंधेरा होने के बाद तक जारी रही।
लगी तमाशबीनों की भीड़
मीरगंज में जब कार्रवाई शुरू हुई तो कोतवाली तक तमाशबीनों की भीड़ लग गई। इतनी फोर्स तो लोगों ने दशहरा व मुहर्रम में भी नहीं देखी थी। बार-बार लोग गलियों में झांकने की कोशिश भी करते थे। पुलिस को तमाशबीनों को हटाने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा।
हाथापाई व धक्कामुक्की भी हुई
छापे के दौरान महिलाओं को मुक्त कराने की कार्रवाई का विरोध भी हुआ। कमरों से निकाली गई कुछ महिलाएं पुलिस वालों से हाथापाई व मारपीट पर उतारू हो गई। धक्कामुक्की के बाद सभी को गाडि़यों में बैठाकर कोतवाली थाने पर पहुंचा दिया जाता। कई बार महिला पुलिस कर्मियों से गालीगलौज भी हुई।
कुछ कमरों में लगा ताला
छापे के दौरान पुलिस को रेड लाइट एरिया की पहली व दूसरी मंजिल के कई घरों में ताला लगा मिला। आशंका है कि छापे की भनक लगते ही महिलाएं ताला लगाकर वहां से निकल गई।
लावारिस मिली बाइकें
मीरगंज में एक दर्जन से अधिक बाइकें लावारिस हालत में पुलिस को पड़ी मिलीं। बाइकों को लेने रात तक कोई नहीं आया। बाद में बाइकों को सीज कर दिया गया।
कई संगठनों ने किया है संघर्ष
मीरगंज से रेड लाइट एरिया को हटाने की मांग काफी पुरानी है। इसके लिए कई स्वयंसेवी संगठनों ने आंदोलन चला रखा है। समाजसेवी सुनील चौधरी, जनहित संघर्ष समिति के प्रमिल केसरवानी, राजेश गुप्ता, बाबा समाज सेवी संस्था के सतीश केसरवानी समेत कई संगठनों ने लंबा आंदोलन चलाया था।
यह शामिल थे रेड में
- 14 कार्डन टीम
- 10 निगोशिएशन टीम
- 17 रेड टीम
- एसपी सिटी
- एडीएम सिटी
- सिटी मजिस्ट्रेट
- पांच मजिस्ट्रेट
- एसपी प्रोटोकाल
- एसपी कंट्रोल रूम
- एसपी ट्रैफिक
- सीओ ट्रैफिक
- सीओ फर्स्ट, सेकेंड, फोर्थ, फिफ्थ, फूलपुर व हंडिया
- 31 थानेदार
- 50 सब इंस्पेक्टर
- 15 महिला सब इंस्पेक्टर
- 300 कांस्टेबल
- 150 महिला कांस्टेबल
फ्लैश बैक
- 13 जनवरी को हाईकोर्ट ने रेड लाइट एरिया मीरगंज को शिफ्ट करने का आदेश दिया था
- 30 मार्च को डीएम ने हलफनामा दिया कि यहां पर वैश्यावृत्ति स्थाई रूप से नहीं होती
- डीएम ने कहा था कि वैश्यावृत्ति की सूचना पर समय-समय पर पुलिस व प्रशासन कार्रवाई करती है
- इस पर कोर्ट ने मीरगंज रेड लाइट एरिया को शिफ्ट करने के आदेश पर रोक लगा दी
- नेहरू की जन्म स्थान से रेड लाइट एरिया को खाली कराने के लिए सुनील चौधरी ने दाखिल की थी याचिका
- नेहरू के जन्म स्थान पर उनकी प्रतिमा को स्थापित करने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है आदेश