-वीरान स्टेशनों पर खड़ी थी ट्रेने

-पेंट्रीकार का खाना भी लूट ले गए अराजकतत्व

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KAUSHAMBI: दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए शनिवार का दिन बेहद खराब गुजरा। अटसराय और सुजातपुर रेलवे स्टेशनों पर रोकी गई तीन पैसेंजर ट्रेनों के यात्री भूख और प्यास से बिलबिला उठे। पेंट्रीकार में रखा खाने पीने का समान और कैश भी उपद्रवी लूट ले गए। करीब चार घंटे तक स्टेशन में खड़ी इन ट्रेनों के मुसाफिर खौफजदा रहे।

ट्रेन के चक्कर में छूटी परीक्षा

अटसराय रेलवे स्टेशन निर्जन स्थान पर है। यहां सिर्फ पैसेंजर ही रुकती है। इस स्टेशन पर मालगाड़ी को खड़ी कराकर एक्सप्रेस ट्रेनों को पास कराया जाता है। रविवार को चकबंदी लेखपाल की परीक्षा के लिए छात्र उद्यान आभा एक्सप्रेस (तूफान) से फतेहपुर और कानपुर जा रहे थे। दो मालगाड़ी को पास कराने के चक्कर में ट्रेन को यहां से सिगनल नहीं मिला। सुबह 10.40 बजे तो छात्रों को लगा कि अब उनकी परीक्षा छूट जाएगी। इसे लेकर उन्होंने ट्रेन को आगे नहीं बढ़ने दिया और हंगामा करने लगे। डीएम अनिल सिंह और एसपी डॉ। के एजिलरसन मौके पर पहुंचे और एनाउंस कर छात्रों को ट्रैक से हटने के लिए कहने लगे। छात्रों की मांग थी कि परीक्षा को निरस्त करने के लिए लिखित में संस्तुति की जाए। अफसरों का आश्वासन नहीं मिला तो छात्र पथराव करने लगे।

चार घंटे चला बवाल

यहां सुबह 10.40 से शुरू हुआ हंगामा 2.53 तक होता रहा। बाद में पुलिस ने बल प्रयोग करके छात्रों को खदेड़ा तब जाकर ट्रेन को रवाना किया जा सका। तूफान एक्सप्रेस के खड़ी होने से शुजातपुर रेलवे स्टेशन में पुरी-नई दिल्ली एक्सप्रेस और उसके पीछे आ रही चौरीचौरा एक्सप्रेस को खड़ा कराना पड़ा। इन ट्रेनों में सवार छात्र स्टेशन मास्टर जेके यादव के पास पहुंचे। स्टेशन मास्टर से ट्रेन रवाना करने में असमर्थता जाहिर की। इस पर भी छात्र नहीं माने तो स्टेशन मास्टर ने फोन पर अपने अफसर से बात कराई।

स्टेशन मास्टर से हाथापाई

फोन कटते ही छात्र भड़क उठे और स्टेशन मास्टर को धक्का देने के बाद तोड़फोड़ शुरू कर दी। इससे भी गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होने आग लगा दी। स्टेशन को छात्र अपने कब्जे में लिए। फायर बिग्रेड की गाड़ी भी मौके पर जाने नहीं दे रहे थे। बाद में पुलिस ने बल प्रयोग करके उन्हे खदेड़ा। इसके बाद छात्र पुरी-नई दिल्ली एक्सप्रेस की के पेंट्रीकार में घुस गए और अंदर रखा सारा समान लूट ले गए। मुसाफिरों के खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं छोड़ा।

शुक्र है सलामत रहे मुसाफिर

उपद्रवियों ने ट्रेन में बैठे मुसाफिरों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन उनके जेहन में दहशत तारी रही। तमाम लोग ट्रेन से उतर कर बाग या गांव के कुछ घरों के बाहर दुबके रहे। गांव की छोटी दुकानों में यात्रियों को जो भी खाने-पीने की चीजें मिलीं उन्हे लोगों ने खाने से गुरेज नहीं किया। पथराव के दौरान अटसराय में कुछ मुसाफिरों को हल्की चोट आई है।