- 15 जुलाई को पूरा हो जाना चाहिए था रिंग बांध को पक्का करने का काम

- यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी

-ढाई महीने में हुआ साठ फीसदी काम, सत्ता से साठ-गांठ के चलते मनमानी पर उतारू हैं ठेकेदार

ALLAHABAD: खतरा सिर पर मंडरा रहा है, फिर भी किसी के कान में जूं नही रेंग रही है। शासन से लेकर प्रशासन तक सभी बेफिक्र हो चुके हैं। मुसीबत आई तो इनकी लापरवाही का खामियाजा बेचारी पब्लिक को ही भुगतना पड़ेगा। बात हो रही है सलोरी एसटीपी रिंग बांध की। इसका पक्कीकरण का काम तय समय बीतने के बावजूद महज साठ फीसदी हुआ है। जबकि, नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है। ठेकेदारों पर सत्ता से सांठ-गांठ के चलते मनमानी करने का आरोप लग रहा है। वहीं बांध में यूज हो रहे मटेरियल पर भी सवाल उठते रहे हैं। पूर्व में डीएम और कमिश्नर ने भी इस पर ऐतराज जता चुके हैं।

तो बह जाएंगे करोड़ों रुपए

जिस स्पीड से रिंग बांध के पक्कीकरण का काम चल रहा है, वह वाकई चिंताजनक है। कुल 12.5 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में बांध के नीचे टो वाल बनानी थी। एग्रीमेंट के तहत 15 मई से शुरू हुआ यह काम दो महीने यानी 15 जुलाई को खत्म हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक बमुश्किल 60 फीसदी काम ही हो सकता है। हालांकि गवर्नमेंट ने प्रोजेक्ट का आधा बजट जारी कर दिया है, फिर भी देरी हो रही है। जानकारी के मुताबिक इस रिंग बांध पक्कीकरण में लगी फर्मे सत्ताधारियों से सांठ-गांठ के चलते मनमानी कर रही हैं।

क्यों नहीं लग रहा फाइन, सौ मीटर दूर हैं नदी

नियमानुसार तय समय में काम पूरा नहीं होने पर प्रशासन को ठेकेदारों पर फाइन लगाना चाहिए था। एग्रीमेंट के मुताबिक लेटलतीफी होने पर हर सप्ताह 2.5 फीसदी का फाइन लगाया जाता है लेकिन इन फर्मो के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय पार्षद विनय मिश्रा का कहना है कि बाकी काम पूरा होने में अभी दो महीने और लगेंगे। पिचिंग का काम बमुश्किल हुआ है और मटेरियल की शार्टेज होने से बार-बार कंस्ट्रक्शन वर्क रुक रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा खतरा बांध के उत्तरी और पूर्वी ओर से है, जिसका काम अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है।

नदियों के जलस्तर में बढ़त जारी

एक ओर रिंग बांध का काम पूरा नहीं हुआ तो दूसरी ओर नदियों के जलस्तर में बढ़त जारी है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को छतनाग में गंगा के जलस्तर में सात सेमी और नैनी में यमुना में दस सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अभी भी गंगा की रिंग बांध से दूरी महज सौ मीटर ही है, जो कि खतरे का संकेत माना जा सकता है। बता दें कि लास्ट ईयर गंगा में बाढ़ आने से रिंग बांध धराशायी हो गया था और पानी स्लूज गेट के जरिए शहर में घुसने लगा था। इसको देखते हुए तत्कालीन डीएम राजशेखर ने इस बांध के पक्कीकरण का प्रपोजल तैयार कर शासन को भेजा था।

- रिंग बांध का काम जल्दी हो इसके लिए नए एक्सईएन की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि पिचिंग का काम पूरा हो गया है और पानी रोकने के लिए प्रोटेक्शन वर्क भी जल्दी हो जाएगा। जल्द ही निर्माण कार्य का जायजा लेने मैं खुद जाऊंगा।

पी गुरु प्रसाद, डीएम

- खबर में यह लाइन भी जोड़ दें-

बुधवार का जलस्तर

फाफामऊ- 78.320 मीटर

छतनाग- 75.280 मीटर

नैनी- 75.870 मीटरर