ओपीडी में बढ़ गए 50 से 60 फीसदी मरीज, गढ्डों के झटकों से कमजोर हो रही हड्डियां

ALLAHABAD: सड़कों से खेल, सेहत से खिलवाड़ बनता जा रहा है। शहर के सड़कों की हालत ऐसी है कि वाहन चालक कमर दर्द के शिकार होते जा रहे हैं। बाइक या स्कूटी चलाने में लगने वाले झटके उन्हें बीमार कर रहे हैं। हड्डियां कमजोर हो रही हैं, मांसपेशियों में सूजन बढ़ रही हैं और चलना-फिरना मुश्किल हो रहा है। इसका एग्जाम्पल हॉस्पिटल्स की ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की संख्या है। अधिक एजग्रुप के लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बढ़ गए 50 से 60 फीसदी मरीज

शहर में कमर दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सरकारी हॉस्पिटल्स की ओपीडी में 50 से 60 मरीज दस्तक दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि चालीस साल से अधिक उम्र के 80 फीसदी कमर दर्द के मरीज हैं। इससे कम एज के मरीज 20 फीसदी हैं। लोगों को शुरुआत में पता नहीं चलता, लेकिन धीरे-धीरे उनकी कमर में दर्द होने लगता है। ऐसे में मरीजों को इलाज के दौरान बाइक या स्कूटी चलाने से बचने की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार झटके लगने से कमर और घुटनों की प्राब्लम हो सकती है।

इन सड़कों पर चलना मुश्किल

शहर की कई सड़कों का हाल खराब है। खासकर नवाब युसुफ रोड, बेनीगंज, चकिया, दारागंज, कीडगंज, तेलियरगंज, खुल्दाबाद आदि इलाकों की सड़के बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। इनमें हाल ही में गड्ढा भरा गया था लेकिन बारिश होने पर असलियत सामने आ गई। सरकारी पैसे की बर्बादी को इसी से समझा जा सकता है कि गड्ढे भरे जाने के नाम करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए। लोगों की मानें तो इन सड़कों पर चलना हड्डियों को धोखा देने जैसा है।

गुनाहगारों को दिलाएं सजा

खराब सड़कों की वजह से अगर एक्सीडेंट या फ्रेक्चर हो जाता है तो सजा, जुर्माने व क्षतिपूर्ति का भी प्रावधान किया गया है

चोट लगने पर आईपीसी की धारा 337 के तहत 6 महीने की सजा और फ्रेक्चर होने पर धारा 338 के तहत दो साल तक सजा हो सकती है

सार्वजनिक जगहों (सड़कों)) पर कोई अवरोध हो जिससे चोट लगे तो आईपीसी की धारा 283 के तहत 200 रुपए जुर्माना भी किया जा सकता है

जनहित याचिका भी दायर की जा सकती है। धारा 133 के तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष भी इस्तगासा दायर किया जा सकता है

गढ्डों से चोट लगती है या किसी की जान जाती है तो पीडि़त या परिजन दुर्घटना अधिनियम की धारा 3 के तहत जिम्मेदार के खिलाफ क्लेम दायर कर हर्जाना मांग सकता है

ऐसे बचाएं कमर

सुबह उठकर योगा का सहारा लेकर कमर के दर्द से निजात पाई जा सकती है।

खराब सड़कों पर चलने से बचें। या फिर कमर बेल्ट का यूज करें

जल्दी सोना चाहिए और पूरी नींद लेने से कमर दर्द ठीक होता है

कमर दर्द होने पर कैल्शियम युक्त चीजें खाद्य पदार्थ में लेनी चाहिए

कमर दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को सड़कों पर आराम से वाहन चलाना चाहिए। बहुत जल्दी करने पर गड्ढे की वजह से कमर में झटके लगने का डर रहता है।

डॉ। जितेंद्र जैन, हड्डी रोग विशेषज्ञ

जिन सड़कों पर गड्ढे हों वहां वाहन चलाने से बचना चाहिए। इससे झटके लगते हैं और कमर से लेकर गर्दन तक दिक्कत महसूस होती है।

डॉ। एपी सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ, बेली हॉस्पिटल

शहर की सड़कों की हालत खराब है। पैदल चलना मुश्किल होता जा रहा है। अगर वाहन से चलें तो बार-बार झटके लगते हैं जो सेहत को खराब करते हैं।

गुलाब

कई लोग ऐसे हैं जिनकी कमर में दर्द होने लगा है। उनको डॉक्टर ने खराब सड़कों पर वाहन चलाने से मना कर दिया है। शहर की सड़के बननी चाहिए।

अवधेश कुमार

जिन सड़कों की मरम्मत हाल ही में हुई थी, वे बारिश में उखड़ गई हैं। इसका जिम्मेदार कौन है। आम जनता इन सड़कों पर चोटिल हो रही है।

जितेंद्र

गड्ढा मुक्ति अभियान का कोई फायदा नहीं हुआ। सड़के वैसे ही चलने में दिक्कत कर रही हैं। सेहत के साथ बाइक भी खराब हो रही है।

अमित शर्मा