मजार चौराहे के पास हुआ हादसा

घटना करीब 2.30 बजे की हैपहले ऋषिकुलम स्कूल और फिर महर्षि पंतजलि विद्या मंदिर के बच्चों को लेकर एक जर्जर मिनी बस रवाना हुईबस ओवरलोडेड थी। 35 सीटर इस बस में 40 से ज्यादा बच्चे बैठे थेये क्लास 3 से लेकर आठ तक के स्टूडेंट थेज्यादातर दारागंज व बक्शीखुर्द एरिया के रहने वाले हैंबस शिवकुटी मजार चौराहा तक पहुंची थी, तभी ये हादसा हो गयाअचानक बस लहराने लगी और बच्चे दहशत से चीखने लगेकोई कुछ समझ पाता कि बस पलट गईबस जर्जर थीऐसे में कुछ सीटें भी निकल गई और बच्चे इनके नीचे दब गए

 शीशा्र जाली तोड़कर निकाला बाहर

बस पलटी तो आसपास से गुजर रहे लोग सन्न रह गएवे भागकर बस के पास पहुंचेप्रत्यक्षदर्शी केंद्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट के स्टूडेंट अनुभव ने बताया कि बच्चे बुरी तरह सहमे हुए थेवे लगातार चीख रहे थेबस गेट की ओर से पलटी थीऐसे में बच्चों को निकालने का कोई रास्ता भी नहीं समझ आ रहा थापब्लिक ने बस का फ्रंट ग्लास व बैक में लगी जाली को तोड़कर बच्चों को निकालना शुरू कियाइसके बाद बस को सीधा किया गयामौका देखकर बस ड्राइवर भागने लगाहालांकि आक्रोशित लोगों ने उसे पकड़ा और फिर जमकर धुनाई कीफिर भी पुलिस के आने से पहले ही वह भाग निकला

 ऑफिसर्स भी पहुंचे भागकर

घटनास्थल पर मौजूद लोगोंने बच्चों के पैरेंट्स को घटना की जानकारी दीतब तक शिवकुटी पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थीपुलिस तुरंत 20 से ज्यादा घायल बच्चों को बेली हॉस्पिटल ले आईउधर घटना की सूचना मिली तो प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गएएडीएम सिटी, एसपी सिटी भागकर हॉस्पिटल पहुंचेस्कूल स्टॉफ भी हॉस्पिटल पहुंचामामला बच्चों का था, ऐसे में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन भी तेजी से जुट गयाफटाफट बच्चों का फस्र्ट एड करने के बाद उनका ट्रीटमेंट स्टार्ट किया गयाकरीब 12 बच्चों को हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने एडमिट कियाबाकी को प्राइमरी ट्रीटमेंट करने के बाद छुट्टी दे दी गईउधर गार्जियन रोते-बिलखते बेली हॉस्पिटल पहुंचेघायल हुए ज्यादातर बच्चों के पिता बाहर पोस्टेड हैंऐसे में बच्चों की मां और रिलेटिव्स पहुंचेपैरेंट्स में स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन और बस चालक को लेकर आक्रोश साफ नजर आ रहा थाबच्चों से मिलकर उनसे बात कर लेने के बाद ही वे कुछ रिलैक्स हुए

 पलक की हालत बनी हुई थी गंभीर

घायल हुए एक दर्जन से ज्यादा बच्चों में क्लास एट्थ स्टूडेंट पलक सचान की हालत गंभीर हैउसके सिर पर चोट आई हैपार्वती के पिता डॉविनोद सचान बाहर पोस्टेड हैंसूचना मिलने पर मां मंजू सचान घबराई हुई हॉस्पिटल पहुंचीडॉक्टर्स ने बताया कि पलक का सीटी स्कैन किया गया हैरिपोर्ट मिलने के बाद आगे का ट्रीटमेंट स्टार्ट किया जाएगाबेली हॉस्पिटल में एडमिट बच्चों में नेहा यादव, कौशिकी, मनु, अनुष्का, वैष्णवी, मोरिशा बरनवाल, सर्वेश यादव, दिव्यांशु श्रीवास्तव शामिल हैं

 ज्यादातर वेहिकल हैं जर्जर

सिटी स्थित स्कूलों में लगी 40 प्रतिशत से ज्यादा वेहिकल जर्जर हैंप्रशासन ने सख्ती दिखाई तो स्कूली बसों के ड्राइवर हड़ताल पर चले गएउसके बाद फिर प्रशासन ने चुप्पी साध लीस्कूल एडमिनिस्ट्रेशन भी बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी जान से खिलवाड़ करता हैवेडनसडे को पलटी बस भी जर्जर थीएसओ शिवकुटी बीके सिंह ने बताया कि ड्राइवर मौके से भाग निकलाबस में कोई भी डॉक्युमेंट नहीं मिले हैंउनके मुताबिक शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि स्कूल बस महेंद्र नाम का ठेकेदार चलवाता थाकिसी और से खरीदने के बाद उसने बस स्कूल से अटैच करा दी थीबक्शी खुर्द और दारागंज एरिया के करीब 40 से ज्यादा बच्चे इस बस से स्कूल आते-जाते थे

 हमारा कोई लेना-देना नहीं: प्रिंसिपल

खास बात ये है कि इस पूरे हादसे से स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तरह पल्ला झाड़ रहा हैमहर्षि पंतजलि विद्या मंदिर की प्रिसिंपल सुष्मिता कानूनगो कहती हैं कि यह बस स्कूल की नहीं थीपैरेंट्स ने खुद मिलकर इसको हायर किया थाप्रिंसिपल ने इस बात से भी इंकार किया है कि बस फीस स्कूल में जमा होती हैउनका कहना है कि पैरेंट्स खुद ही ठेकेदार को ही फीस देते थेउधर पैरेंट्स और शिवकुटी एसओ प्रिंसिपल की बात को ही झूठा बता रहे हैंएसओ बीके सिंह ने बताया कि जितनी भी स्कूल बसें चलती हैं वे कहीं न कहीं स्कूल से ही अटैच होती हैंऐसे में स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन की पूरी रिस्पांसबिलिटी होती है कि बसों को क्रॉस चेक कराया जाएबस की कंडीशन, ड्राइवर व क्लीनर का एक्सपीरियंस भी चेक किया जाना चाहिएप्रिसिंपल ने तो यह भी कहा कि उनको इस बस के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थीवहीं एसओ ने कहा कि पुलिस भी इस मामले में बेहद सीरियस हैमामला सीधे बच्चों से जुड़ा हुआ है