11 मई को शब-ए-बरात पर पुरखों को याद करेंगे अकीदतमंद

परिजन जाएंगे पुरखों की कब्र पर और जलाएंगे मोमबत्ती व अगरबत्ती

ALLAHABAD: माहे रजब की चौदहवीं शब यानि शबेबरात पर पाक रुहें अपने परिजनों को दुआएं देने के लिए जन्नत से जमीं पर आती है। यही वजह है कि इलाहाबाद से निकलकर देश के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले अकीदतमंद शब-ए-बरात के दिन अपने पुरखों की कब्र पर पहुंचेंगे। इस दिन देर रात तक कब्रिस्तानों में पुरखों की कब्र पर चरागां के साथ ही मोमबत्ती और अगरबत्ती भी जलाई जाएगी। साथ ही कब्र के पास बैठकर फातिहा पढ़ी जाएगी।

घर लौटने लगे अकीदतमंद

दरियाबाद स्थित दरगाह मौला अली की प्रबंध समिति के अध्यक्ष सैयद अजादार हुसैन ने बताया कि अपने पुरखों की कब्र पर चरागां करने के लिए बाहर नौकरी करने वाले अकीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। 11 मई को रात भर अपने-अपने पुरखों की कब्र के समीप बैठकर अकीदतमंद फातिहा पढ़ेंगे और मोमबत्ती व अगरबत्ती जलाएंगे।

कब्रिस्तानों में शुरू हुई तैयारी

सैयद अजादार हुसैन ने बताया कि शबेबरात 11 मई को है। चार दिन का समय शेष बचा हुआ है इसलिए शहर के कब्रिस्तानों में कब्रों पर मिट्टी चढ़ाने का काम शुरू हो चुका है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों दरियाबाद, रसूलपुर, चकिया, काला डांडा, अटाला, बैरहना, अल्लापुर व बेली गांव सहित कई कब्रिस्तानों में मिट्टी चढ़ाने का काम चल रहा है।