- शनिवार को बसों में पसरा रहा सन्नाटा, इमरजेंसी पर ही लोगों ने किया सफर

PRAYAGRAJ: वीकली लॉकडाउन के चलते बहनें भाइयों को राखी बांधने शुक्रवार को ही निकल गई। शनिवार को आलम यह रहा कि बसों में सन्नाटा पसरा रहा, जबकि शुक्रवार को बसों में ठीक-ठाक भीड़ देखने को मिली थी। ऐसे में अधिकारियों का अनुमान है कि रविवार को भी बसों में कम यात्री ही रहेंगे।

घाटे में रोडवेज, छलक दर्द

शनिवार को बसों में गिने-चुने लोग बैठे हुए थे। उसी दौरान वहां खड़े एआरएम के साथ तमाम अफसर से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने बसों में भीड़ के बारे में पूछा तो दर्द छलक पड़ा। उन्होंने जवाब दिया कि इस बार रोडवेज विभाग को जबरदस्त घाटा लगा है। बकरीद व रक्षाबंधन के त्योहार पर भी पैसेंजर नहीं मिल रहे है। बसों में 10-12 से ज्यादा पैसेंजर नहीं मिल रहे है। जबकि इन त्योहारों पर एक हफ्ते से ही बसें फुल जाने लगती थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते सन्नाटा पसरा है।

- सुबह से दोपहर 12 बजे तक चली 67 बसें

- दोपहर 12 से शाम आठ बजे तक 172 बसें

- शनिवार सुबह से शाम आठ बजे तक 5 से 6 हजार लोगों ने किया सफर

शुक्रवार को ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल पायी, इसलिए शनिवार को सफर करना पड़ रहा है। लॉकडाउन में टेंशन बहुत रहता है। बस तो मिल जाती है मगर बस से उतरने के बाद साधन नहीं मिलता है। कोरोना के चलते बहन प्रयागराज नहीं आ सकी तो ससुराल उनके पास जा रहा हूं।

पवन पटेल, पैसेंजर

घर में पत्‍‌नी की तबीयत खराब है। अचानक फोन आया तो जा रहा हूं। इमरजेंसी है नहीं तो लॉकडाउन में नहीं जाता। सेफ्टी के साथ सफर कर रहा हूं, हालाकि बस में भीड़ बिल्कुल नहीं है। लेकिन सवारी कम होने के चलते घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

महेश कुमार, पैसेंजर

80 बसें सरेंडर हो चुकी है। इसके बावजूद विभाग के पास पर्याप्त बसें है। कंडीशन यह है कि लगाई गई बसों में से चालीस परसेंट बस सुबह से शाम तक नहीं चल पा रही है। जिनको निकलना था वे लोग शुक्रवार को ही निकल गए है।

सीबी राम वर्मा, एआरएम सिविल लाइन डिपो