प्रयागराज ब्यूरो । पिछले वित्तीय वर्ष में सवा करोड़ से अधिक की जहरीली दवा पीकर भी जिद्दी मच्छर जिंदा हैं। शहर की बड़ी समस्या बन चुके इन मच्छरों के सामने नगर निगम की तमाम व्यवस्थाएं बौनी साबित हो रही हैं। इस बार फिर मच्छरों को खदेडऩे के लिए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस लिया है। इस वित्तीय वर्ष में इन मच्छरों से निपटने के लिए 60 लाख से भी अधिक की दवाएं पहली किस्त में मंगाई गई हैं। दावा है कि इन दवाओं का छिड़काव पूरे शहर में वार्डवार शुरू किया जाएगा। अब यह दावा और व्यवस्था मच्छरों से लोगों को कितना राहत दे पाएगी? यह आने वाला वक्त ही तय करेगा। एक बात तो स्पष्ट है कि हर साल मच्छरों के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपये का कारगर लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

पुराने 80 वार्डों में खून पी रहे मच्छर
नगर निगम प्रयागराज के वार्डों की मुख्य सड़कें भले साफ सुथरी दिखाई दे रही हों, पर गलियां और नाले व नालियों की स्थिति बद से बदतर है। इन नालियों और नालों में व्याप्त गंदगी और गंदा पानी मच्छरों का आशियाना बन गया है। लोगों की मानें तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल शहर में मच्छर ज्यादा प्रभावी हो गए हैं। मच्छरों की वजह से लोग खुले छत पर तो दूर घरों में भी सुकून से नहीं बैठ पा रहे हैं। बढ़े हुए इन मच्छरों के पीछे सबसे बड़ा कारण गंदी नाली और नाले ही बताए जा रहे हैं। नाली और नालों की सफाई में फ्लाप हो चुका नगर निगम किसी के हाथ नहीं आने वाले मच्छरों से राहत के नाम सिर्फ कागजी दावे हर बार की तरह इस मर्तबा भी कर रहा है। पूरे नगर निगम एरिया में 100 वार्ड हैं। इनमें से शहर के 80 वार्डों में मच्छरों का सर्वाधिक आंतक हैं। यह नगर निगम एरिया के पुराने वार्ड हैं। नगर निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पिछले वर्ष सवा करोड़ से अधिक की दवाएं मच्छरों के नाम पर खर्च की गई थी। विभागीय दस्तावेजों में मच्छरों पर खर्च हुए इन रुपयों का लेखा-जोखा मेनटेन है। बावजूद इसके मच्छरों से लोगों को राहत दिला पाने में नगर निगम के जिम्मेदार नाकाम ही रहे।


फिर मंगाई 60 लाख से अधिक की दवा
नाली और नालों की सफाई ठीक से नहीं होने के कारण इस बार मच्छरों का आतंक पिछले वर्ष से कहीं ज्यादा बताया जा रहा है।
हालांकि यह बात शहर में रहने वाला हर शहर महसूस भी कर रहा है। चारों तरफ से बढ़े हुए मच्छरों आम लोगों की नींद और सुकून के दुश्मन बन गए हैं।
अब नगर निगम एक बार फिर इन मच्छरों पर लाखों करोड़ों रुपये की दवा खर्च करने की तैयारी में है।
विभागीय संपर्क सूत्र बताते हैं कि इस वर्ष मच्छरों से राहत दिलाने के लिए नगर निगम के जिम्मेदारों द्वारा करीब 40 लाख रुपये का मालाथियान नामक दवा मंगाई गई है।
इसी तरह 24 लाख की ब्लीचिंग और लगभग 40 लाख रुपये का डेल्टा माइथियान फागिंग के मंगाया गया है।
कागज पर मंगाई दवाओं की रियल कंडीशन स्टोर में क्या है? फिलहाल यह बताने वाला विभाग में कोई नहीं है।
फागिंग की एक लीटर दवा 199 लीटर डीजल में घोलकर स्प्रे कराया जाता है। खर्च होने वाले बजट में डीजल का खर्च अलग है।


शहर के सभी वार्डों में जल्द ही एंटी लार्वा और फागिंग का कार्य तेजी के साथ शुरू कराया जाएगा। इसके साथ ही लोग जागरूक भी किए जाएंगे। सोमवार को
जागरूकता रैली निकालकर इसकी शुरुआत की गई।
डॉ। अभिषेक सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम