सेमेस्टर मा‌र्क्स के आधार पर प्रमोट करने की मांग ट्विटर पर करती रही ट्रेंड

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यूनिवर्सिटीज के फाइनल इयर के स्टूडेंट्स का एग्जाम कराने के यूजीसी के फैसले के खिलाफ ट्विटर पर 'स्पीकअप फॉर स्टूडेंट्स' कैंपेन का आगाज शनिवार को हो गया। दिल्ली से शुरू हुई कैंपेन देखते ही देखते ट्रेंड करने लगी और करीब साढ़े छह लाख लोगों ने इस पर रिस्पांस किया। नेशनल से लोकल लेवल तक पर मिले रिस्पांस ने आंदोलन के बड़ा रूप ले लेने का संकेत दे दिया।

छात्रों को किया जाए प्रमोट

देर शाम को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सुबह से ट्रेंड हो रहे 'स्पीकअप फॉर स्टूडेंट्स' की स्टेटस चेक की तो पता चला कि पूरे देश से करीब 6.5 लाख रिस्पांस अकेले ट्विटर पर आ चुके हैं। सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाइव होकर भी स्टूडेंट्स इस मुहीम को आगे बढ़ाते रहे। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण के काल में सेशन को लगातार डिले करना ठीक नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव जाकर छात्रों ने सरकार से परीक्षा को रद्द करके सबको प्रमोट और पास करने की डिमांड की।

सेमेस्टर के मा‌र्क्स को बनायें आधार

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने इस कैंपेन को लीड किया। पूर्वी यूपी के प्रभारी अविनाश यादव ने कहा कि छात्रों की मांगे अहम हैं। कोरोना महामारी के दौर में ट्रांसपोर्टेशनचैलेंजिंग है। कहीं मूव करना खतरे से खाली नहीं है। इसे देखते हुए छात्रों को बिना परीक्षा उनके पिछले सेमेस्टर के अंक के अनुसार पास करना चाहिए।

एयू के भी सैकड़ों स्टूडेंट्स ने ट्वीट कर रखी मांग

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इस ट्विटर अभियान में जुड़े छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि शनिवार सुबह 10.00 बजे से ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र इस सोशल मीडिया के अभियान में लग गए थे और तकरीबन शाम 6.00 बजे तक लगभग 1300 ट्वीट कर छात्रों ने अपनी आवाज उठाई। अखिलेश यादव ने कहा कि हम सभी की मांग है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी मास प्रमोशन किया जाए। एनुअल एग्जाम न करायें जाएं। जिस तरह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, उसमें एग्जाम कराना खतरे से खाली नहीं है।

हमारी दो मांगें हैं। पहला सभी छात्रों को प्रमोट करना। फाइनल इयर के स्टूडेंट्स को दस फीसदी एक्स्ट्रा मा‌र्क्स के साथ ताकि उन्हें एडमिशन लेने में दूसरे स्थान पर दिक्कत न आवे। दूसरी मांग सेमेस्टर फीस माफ करने की है।

जीतेश मिश्र

नेशनल कोआर्डिनेटर, एनएसयूआई