एसआरएन के टेलीमेडिसिन सेंटर में तोड़फोड़, पुलिस ने संभाला मोर्चा

ALLAHABAD: निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटों पर फीस में दो लाख रुपए की बढ़ोतरी से प्राइवेट कॉलेजों की काउंसलिंग पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गयी। फीस वृद्धि के विरोध में अभ्यर्थियों ने एसआरएन हॉस्पिटल स्थित काउंसिलिंग सेंटर पर जमकर तोड़फोड़ की। स्थिति को संभालने के लिए एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। तब जाकर दोपहर बाद दोबारा काउंसिलिंग प्रॉसेस स्टार्ट किया जा सका। बवाल काट रहे छात्रों का कहना था कि उप्र सरकार ने निजी कॉलेजों के दबाव में आकर यह फैसला लिया है। इससे गरीब एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई का बोझ नहीं उठा पाएंगे।

भाग निकले कर्मचारी

अभ्यर्थियों द्वारा तोड़फोड़ शुरू कर देने से काउंसलिंग के लिए तैनात कर्मचारी काउंटर छोड़कर भाग गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को खदेड़ कर काउंसलिंग सेंटर पर ताला डालवा दिया। माहौल शांत होने के बाद दोपहर बाद फोर्स की मौजूदगी में दुबारा काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो सकी।

छात्रों के हित के लिए कुछ नहीं बचा है। 36 हजार का सपना दिखाकर एडमिशन में बारह लाख रुपए फीस वसूली जा रही है। गरीब बच्चों के सपने चूर हो गए हैं।

दिवांशी, वाराणसी

बीएचयू की काउंसलिंग छोड़कर यहां आए हैं। पता चला कि फीस बढ़ गई है तो सभी सपने चूर हो गए।

शिवानी, वाराणसी

सरकार ने पहले ही निजी कॉलेजों की फीस बढ़ा दी थी। इसकी सूचना सभी को थी। जिनको एडमिशन नहीं लेना है उन्होंने बवाल किया। पुलिस कार्रवाई करती है तो हम सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करा देंगे।

देवाशीष शर्मा, काउंसलिंग प्रभारी, मेडिकल कॉलेज

क्या है मामला

बता दें कि यूपी के निजी मेडिकल कॉलेजों में शासन ने एमबीबीएस के लिए 11.30 लाख और बीडीएस के लिए 3.25 लाख रुपए अंतरिम फीस घोषित की है। इसी आधार पर शुक्रवार से काउंसिलिंग शुरू होनी थी। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ। अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में गठित फीस कमेटी तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। तीन माह बाद नए सिरे से फीस घोषित होगी और अंतर का समायोजन हो जाएगा। इसके पहले राज्य सरकार ने पिछले दिनों निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की आधी सीटों को सब्सिडाइज्ड घोषित कर 36 हजार रुपए फीस निर्धारित की थी। शेष सीटों पर एमबीबीएस के लिए 17 से 21 लाख और बीडीएस के लिए दो से छह लाख रुपए फीस रखी गई थी। इस बीच मामला हाईकोर्ट में गया और अदालत ने काउंसिलिंग को सही ठहराते हुए नए सिरे से फीस निर्धारण के निर्देश दिए। सूबे में निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की 3100 व बीडीएस की 2300 सीटें हैं।