प्रयागराज ब्यूरो । इस साल डेंगू सर्वाधिक चरम पर रहा। हजारों मरीज पाजिटिव पाए गए। जबकि इससे कई गुना मरीज ऐसे भी रहे जिनको डेंगू था, लेकिन उनकी जांच नही हो सकी। लेकिन इन सभी मरीजों में लीवर संक्रमण कॅामन पाया गया। 60 फीसदी ऐसे मरीज रहे जिनको लीवर के संक्रमण का सामना करना पड़ा। इससे उनकी तबियत अधिक बिगड़ गई। इनमें से कई मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उनको एलर्ट रहने की सलाह दी है।

इन लक्षणों को मत करें अनदेखा

लीवर में संक्रमण होने पर लक्षण सामने नजर आने लगते हैं। मरीज को भूख नही लगती और उसका एसजीपीटी और एसजीओटी ब्लड में बढ़ जाता है। इसके अलावा बिलरुबिन की मात्रा भी मानक से अधिक हो जाती है। इससे पेशाब पीली होती है और आंखों के नीचे भी पीलापन झलकने लगता है। और भी कई गंभीर लक्षण सामने आने लगते हैं। इसके बाद मरीज की लीवर फंक्शन की तत्काल जांच की जाती है।

तेल मसालों से करना होगा परहेज

डेंगू के मरीजों को तेल और मसालों से परहेज करना होगा। वरना लीवर की गंभीर समस्याओं के साथ कैपिलरी लीक होने की समस्या सामने आ सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि बॉडी का इम्युन सिस्टम डाउन होने की वजह से लीवर, किडनी, हार्ट और फेफड़ों में डेंगू अधिक असर डालता है। मरीजों को अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेने चाहिए। अगर प्लेटलेट्स कम नही है तो जबरदस्ती ऐसी चीजों का सेवन न करें जो इसे बढ़ाने का काम करती हैं। इससे लीवर पर उल्टा असर पड़ सकता है।

पांच साल में सबसे ज्यादा मरीज

इस साल डेंगू के मरीज पांच साल में सबसे ज्यादा मिले हैं। शनिवार को नौ नए मरीजों ने दस्तक दी है। अब तक जिले में 1400 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 30 मरीजों को अब भी इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि तापमान घटने से मच्छरों का प्रकोप कम हो रहा है।

बहुत से मरीजों को लीवर में संक्रमण मिला है। कुछ लापरवाही भी इसका कारण है। 60 फीसदी मरीजों में लीवर संक्रमण के चांसेज बढ़ जाते हैं।

डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन

डेंगू के मरीजों की संख्या घट रही है। ठंड के बढऩे से संक्रमण कम हो रहा है। फिर भी लोगों को एहतियात बरतनी होगी। जिससे बचाव हो सके।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज