-मंगलवार की देर रात भारतीय समयानुसार 1.31 बजे से लेकर बुधवार को भोर में 4.30 बजे तक खग्रास चंद्रग्रहण का रहा मोक्ष काल

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PRAYAGRAJ: खग्रास चंद्र ग्रहण मंगलवार की देर रात 1.31 बजे स्पर्श काल के साथ शुरू हुआ। मोक्ष काल भारतीय समयानुसार बुधवार को भोर में 4.30 बजे रहा। ग्रहण के सूतक काल में मंगलवार की शाम पांच बजे मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने विधि विधान के साथ पवनसुत की आरती उतारी। फिर शंखनाद के बाद बड़े हनुमानजी के मंदिर का कपाट बंद किया गया। साथ ही मां कल्याणी देवी, मां ललिता देवी व मनकामेश्वर सहित अन्य मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया था।

भक्तों को होना पड़ा निराश

मंगलवार का दिन होने की वजह से बंधवा स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर व सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन में शाम को पवनसुत का पूजन-अर्चन करने पहुंचे भक्तों को होकर लौटना पड़ा। मंदिरों में ताला लगा था तो भक्तों ने बाहर ही मत्था टेककर पवनसुत का जयकारा लगाया।

वर्ष का अंतिम ग्रहण

गुरु पूर्णिमा के दिन देर रात लगा खग्रास चंद्र ग्रहण इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण है। अब अगले साल चंद्र ग्रहण लगेगा। पं। विद्याकांत पांडेय के मुताबिक अगला चंद्र ग्रहण दस जनवरी 2020 को रहेगा।