ALLAHABAD: आर्थोस्कोपी दूरबीन विधि द्वारा जोड़ों के इलाज और जांच की आधुनिकतम विधि है। जिसमें बहुत छोटे चीरे द्वारा पेंसिल से पतले उपकरणों व कैमरे डालकर मानीटर पर देखकर आपरेशन किया जाता है। यह बात आर्थोपेडिक सर्जन डॉ। अनुराग अग्रवाल ने कही। वह रविवार को एएमए द्वारा स्पोर्ट्स इंजरी एंड आर्थोस्कोपी: मिनिमल एक्सेज सर्जरी ऑफ ज्वॉइंट्स विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह पद्धति स्पो‌र्ट्स एवं लिगामेंट इंजरी के सफल इलाज के कारण प्रसिद्ध हो रही है।

काफी सेफ है यह विधि

उन्होंने कहा कि आर्थोस्कोपी के फायदे बहुत हैं। ऑपरेशन में छोटा चीरा लगाया जाता है और मरीज का खून भी नहीं बहता। यह सर्जरी अधिक सटीक है। संक्रमण की संभावना भी कम होती है। मरीज जल्द से जल्द दैनिक कार्यो को करने योग्य हो जाता है। सेमिनार की अध्यक्षता एएमए उपाध्यक्ष डॉ। सुजीत सिंह और संचालन वैज्ञानिक सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने किया। इस दौरान डॉ। अशोक अग्रवाल, डॉ। शार्दूल सिंह, डॉ। आरकेएस चौहान, डॉ। जीएल गुप्ता, डॉ। एनपी सिंह, डॉ। कपिल कुलश्रेष्ठ, डॉ। राजेश मौर्या आदि उपस्थित रहे।