प्रयागराज (ब्यूरो)। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा रुहेलखंड विवि ने कराई थी। इसके लिए प्रयागराज मंडल के चार जिलों में 168 केंद्र बनाए गए थे। चारों जिलों में 63349 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। प्रयागराज 109 केंद्र थे। शुक्रवार को रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों के बीच गहमागहमी का माहौल था। अधिक लोड होने की वजह से ऑनलाइन रिजल्ट देखने में उनको दिक्कत का सामना करना पड़ा। तीनो टापर प्रयागराज का होने की वजह से कैंडिडेट्स में खुशी की लहर थी।

टॉपर्स का इंटरव्यू
छोटे भाइयों के लिए प्रेरणा बनी रागिनी
सलोरी में रहकर परीक्षा की तैयारी करने वाली रागिनी यादव मूल रूप से अयोध्या की रहने वाली है। उनके पिता रामबली यादव प्राइवेट नौकरी करते हैं। उन्होंने यूपी में पहला स्थान प्राप्त किया है। परिवार में उनसे छोटे दो भाई हैं। वह इनके लिए किसी प्रेरणा से कम नही हैं। कहती हैं कि वह भविष्य में पीसीएस अधिकारी बनना चाहती हैं। इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रही हैं। अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए उन्होंने ट्यूशन भी पढृ़ाया है। उन्होंने 2014 में डीडी पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल, तीन वर्ष का मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग में डिप्लोमा, आजाद आइसी पलिया कुचेरा से 2019 में इंटर पास किया है। अयोध्या के मां त्रिपाला देवी डिग्री कालेज में बीएस में दाखिला लिया है। 2019 से वह सलोरी में तैयारी कर रही हैं।

खुद से की पढ़ाई, नही लिया सोशल मीडिया का सहारा
कानपुर की रहने वाली नीतू देवी ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में यूपी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अल्लापुर में रहकर तैयारी की है। उनको 400 में से 358 नंबर मिले हैं। बताती हैं कि परिवार में पांच बहने हैं और वह सबसे छोटी हैं। एक बहन भोपाल में सीआईडी में तैनात हैं। वह उनकी पढ़ाई में काफी मदद करती हैं। वह बताती हैं कि पिता रामबालक सिंह किसान हैं और घर का खर्च निकालना मुश्किल होता है। इसलिए उन्होंने खुद से तैयारी की। सोशल मीडिया का भी सहारा नही लिया है। वह खुद पीसीएस अधिकारी बनना चाहती हैं। इलाहाबाद विवि से 2018 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से परास्नातक किया। वर्ष 2020 से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
सपना पूरा होने पर जताई खुशी
बलिया के रहने वाले अभय कुमार गुप्ता ने इस परीक्षा में यूपी में तीसरा स्थान पाया है। उनका बचपन से सपना एक शिक्षक बनने का था और उसके पूरा होने पर उनकी खुशी का ठिकाना नही है। उनके पिता अलगू प्रसाद दुकान चलाते हैं ओर मां शीला देवी हाउस वाइफ हैं। उन्होंने इसके बाद स्नातक की पढ़ाई काशी विद्यापीठ से पूरी की। वर्ष 2019 में विधि की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। ताराचंद छात्रावास में रहकर पढ़ाई विधि की पढ़ाई के साथ ही बीएड प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। उनके भाई दीपक गुप्ता काशी विद्यापीठ से टॉपर रहे हैं। उनको देखकर ही इन्होंने लक्ष्य हासिल किया है। वह कहते हैं कि समाज को शिक्षित करना ही एक सच्चे शिक्षक का धर्म है, जिसे वह पूरा करना चाहते हैं।