- पूरा हुआ कल्पवास, श्रद्धालुओं ने की घर वापसी

ALLAHABAD: माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही कल्पवासियों का कठिन तप भी पूर्ण हुआ। कल्पवासियों ने पुण्य की अंतिम डुबकी के साथ गंगा मइया से फिर बुलाने की अर्चना की और फिर घर वापसी का सिलसिला शुरू हुआ। माघी पूर्णिमा स्नान के साथ घर लौटने की तैयारी सुबह से ही शुरू हो गई थी। संगम स्नान के बाद कल्पासियों ने गंगा पूजन किया और सामर्थ के हिसाब से दान कर संकल्प को भी पूरा किया।

बिछड़ने का था दर्द

घर वापसी के वक्त कल्पवासी भावुक भी दिखे। तंबुओं की नगरी में पड़ोसियों से बना एक माह का आस्था का रिश्ता उनकी आंखें नम कर रहा था। हालांकि सभी अगले साल फिर मिलने की हसरत लेकर पुण्य क्षेत्र से निकले।

साथ ले गए जौ व तुलसी

माघ मेले में कल्पवास करने वाले आने श्रद्धालु कल्पवास शुरू करते समय पौष पूर्णिमा पर अपने शिविर के बाहर तुलसी का बिरवा लगाकर जौ बोया करते हैं और वहां प्रतिदिन पूजन करते थे। सोमवार घर वापसी के वक्त कल्पवासी बिरवा व जौ को प्रसाद स्वरूप अपने साथ ले गए। तुलसी को घर में स्थापित कर प्रतिदिन पूजन करेंगे, जबकि जौ के पौधे को तिजोरी, पूजा स्थल सहित अन्य पवित्र स्थल में रखेंगे।