प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नीतू ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके साथ ऐसा होगा। कभी राजेश से बातचीत में भी उसे आभास नहीं हुआ कि उसका पति किसी और को चाहता है। राजेश की मौत ने नीतू को जिंदगी भर का दर्द दे दिया। राजेश ने फांसी लगाकर खुद को खत्म कर लिया मगर अपने पीछे पत्नी को कभी न भूल पाने वाला दर्द दे गया। नीतू की दुनिया उजड़ गई, उसके सारे सपने बिखर गए। रो रोकर नीतू का बुरा हाल हो गया। उसकी मां और बहन ने उसे सम्हाल रखा है।

ये है मामला
मंगलवार को सिपाही राजेश वैष्णव और सिपाही प्रिया त्रिपाठी की बॉडी बंद कमरे में मिली थी। शाहगंज थाना क्षेत्र के मिन्हाजपुर में प्रिया त्रिपाठी किराए पर रहती थी। कमरे में प्रिया की बॉडी बेड पर पड़ी थी, जबकि राजेश फांसी के फंदे पर झूल रहा था। शाम को सूचना मिलने के बाद शाहगंज पुलिस ने दोनों की बॉडी को कमरे से निकाला। इसके बाद दोनों की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


दो साल पहले हुई थी शादी
राजेश वैष्णव 2019 में यूपी पुलिस में सेलेक्ट हुआ। जबकि नीतू का सेलेक्शन 2020 बैच में हुआ। नीतू के पिता हरिमोहन ने बेटी की शादी राजेश के साथ तय की। जून 2022 में राजेश और नीतू की शादी हुई। मौजूदा समय में राजेश वैष्णव की पोस्टिंग प्रयागराज में थी जबकि नीतू की पोस्टिंग कासगंज में है।

पांच दिन साथ रहकर गई नीतू
कांस्टेबल नीतू सात अप्रैल को प्रयागराज आई थी। वह पांच दिन पति राजेश वैष्णव के साथ रही। इसके बाद वह 12 अप्रैल को यहां से वापस गई। वह ड्यूटी पर थी। नीतू को यह मालूम नहीं चल पाया कि राजेश का महिला सिपाही प्रिया के साथ कोई चक्कर है।

मिली पति की मौत की खबर
16 अप्रैल को दिन में नीतू ने कई बार राजेश को फोन लगाया। मगर राजेश कॉल रीसिव नहीं कर रहा था। जिससे वह परेशान हो गई थी। उसके पास किसी अन्य साथी का भी नंबर नहीं था। जिसकी वजह से वह बार बार राजेश के मोबाइल पर ही कॉल ट्राई कर रही थी। शाम को करीब सात बजे राजेश के मोबाइल पर नीतू ने फिर से कॉल किया। राजेश के मोबाइल पर किसी पुलिस कर्मी ने कॉल रीसिव की। नीतू ने उसे अपना परिचय दिया। इसके बाद सिपाही ने राजेश की मौत की खबर नीतू को दी तो वह बदहवाश हो गई।

राजेश पर थी पूरे परिवार की जिम्मेदारी
मथुरा के मंगरोरा थाना क्षेत्र के धनीपुरा गांव के रहने वाले गिरधारी लाल का परिवार आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं है। गिरधारी लाल प्राइवेट काम करके अपना परिवार पालता है। गिरधारी के तीन बेटों में राजेश सबसे छोटा था। दो बेटे ओमप्रकाश और जितेंद्र प्राइवेट काम करते हैं। राजेश को नौकरी मिली तो घरवालों को उससे बहुत उम्मीद थी। नौकरी मिलने के बाद राजेश ने परिवार को संभाला। उसने अपने भाइयों की मदद शुरू की। पोस्टमार्टम हाउस में चाचा नवाब सिंह और परिजन पहुंचे। सभी घटना से हतप्रभ थे।

बिसरा किया गया प्रिजर्व
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक राजेश की मौत फांसी लगाने से हुई। जबकि प्रिया की मौत प्वाजनिंग से होने की बात सामने आई। इस पर उसका बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया। सिपाही प्रिया की मौत को लेकर फिलहाल प्वाजनिंग की बात कही जा रही है। पुलिस ने प्रिया का पोस्टमार्टम सुबह ही करा दिया। उसके परिजन बॉडी लेकर रवाना हो गए। इसके बाद राजेश का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी लेकर परिजन चले गए।

बंद कमरे में रह गईं तमाम बातें

राजेश और प्रिया की मौत बंद कमरे के अंदर हुई। महज यह बात ही सारी कहानी को बयां करने के लिए काफी है। मगर इसके बाद भी तमाम बातें ऐसी हैं, जो बंद कमरे में ही दोनों की मौत के साथ दफ्न हो गईं। प्रिया अपने कमरे में अकेले रहती थी। उसके कमरे पर राजेश का आना जाना था। मगर मंगलवार को ड्यूटी पर जाने के बजाए राजेश सीधे प्रिया के कमरे पर पहुंचा। हालांकि मकान में पुलिस को कोई ऐसा चश्मदीद नहीं मिला जो राजेश के आने के समय के बारे में जानकारी दे सके। इसके बाद दोनों कमरे से बाहर नहीं निकले। बगल में रहने वाली एक सिपाही किराएदार को तब शक हुआ जब दोनों के मोबाइल लगातार बजते रहे, मगर कॉल रीसिव नहीं हो रही थी।

हमेश बने रहेंगे ये सवाल
- राजेश प्रिया के कमरे पर क्यों गया।
- आखिर किस बात पर दोनों ने मौत का रास्ता चुना।
- जब राजेश शादीशुदा था तो फिर प्रिया से उसका क्या रिश्ता था।
- क्या प्रिया जानती थी कि राजेश शादीशुदा है।
- दोनों व्हाट्स एप पर क्या बात करते थे।
- क्या नीतू को दोनों के रिश्ते की जानकारी थी।
- आखिर क्यूं पत्नी के रहते राजेश प्रिया के नजदीक आया।

फोटो खिंचाने का शौकीन था राजेश
सिपाही राजेश वैष्णव फोटो खिंचाने का शौकीन था। पतली छरहरी काया का राजेश अक्सर अपने मोबाइल के स्टेटस पर अपनी तरह तरह की फोटो खींच कर लगाता था। साथियों का कहना है कि बेहद खुशमिजाज स्वभाव का राजेश इतना सख्त कदम कैसे उठा सकता है यह समझ से परे है।

तो राजेश ने तय कर ली थी मौत
राजेश की कई तस्वीरों की एक प्रोफाइल में लिखा हुआ है कि डूबता सूरज दर्शाता है, अंत खूबसूरत होता है। इस लाइन से इशारा मिलता है कि राजेश ने शायद मौत का रास्ता तय कर लिया था। मगर क्यों इसका जवाब उसकी मौत के साथ ही राज रह जाएगा।