854 वाहन बच्चों को ले जाते हैं स्कूल
210 स्कूल वाहन लिखापढ़ी में हैं अनफिट
बच्चों को स्कूल छोड़ने वाले एक चौथाई वाहन अनफिट
पुलिस व आरटीओ की मिलीभगत से सड़क पर भर रहे फर्राटा
ALLAHABAD: देश का भविष्य इन पर सफर करता है। लेकिन इन्हें कोई चिंता है न ही स्कूल वालों को कोई फिक्र है। पुलिस और आरटीओ डिपार्टमेंट को सिर्फ अपने कमीशन से मतलब है। बच्चों को स्कूल पहुंचाने वाले वाहनों में एक चौथाई अनफिट हैं। इसके बावजूद यह वाहन मासूम बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाते हुए सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं। खुद परिवहन विभाग का आंकड़ा बता रहा है कि जांच में 854 स्कूल बसों में से 210 बसें अनफिट पाई गयी हैं। लेकिन यह बसें बच्चों के ट्रांपोर्टेशन में लगी हुई हैं।
854 वाहन पंजीकृत
जनपद में हिंदी और इंग्लिश मीडियम के करीब 1300 विद्यालय हैं। इन विद्यालयों के नाम पर परिवहन कार्यालय में विभिन्न प्रकार के वाहनों की संख्या मिलाकर 854 वाहन पंजीकृत है। विभाग के मुताबिक इनमें से 210 वाहनों का फिटनेस फेल है। स्कूल प्रबंधन इन्हें दुरुस्त नहीं करा रहा है। वहीं आरटीओ डिपार्टमेंट ने यदाकदा इन स्कूलों को नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर ली। बच्चों को ले आने जाने वाले वाहनों की रफ्तार भी 25 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा स्कूली वाहन नहीं चलने नियम है। मगर ड्राइवर इस बात को जरा भी नहंी फॉलो करते है। नतीजा कई बार वाहनों से हादसे हुए। जिसमें स्कूल बच्चों के साथ ही वाहन से टक्कर लगने वाला व्यक्ति भी चोटिल हुआ। मगर बात आयी गई हो जाती है। हालत यह है कि जिन परिवहन अधिकारियों को वाहन चेकिंग करने की जिम्मेदारी है। उनकी आंखे सिर्फ बड़े हादसे होने पर खुलती है। और फिर कुछ दिनों के बाद वह हादसे को भूल जाते है। और अपनी रोज के कार्यो में व्यस्त हो जाते है।
क्या हैं मानक
सीट बेल्ट
प्रशिक्षित कंडक्टर
वाहन का रंग पीला
खिड़की पर जाली
चालक का केबिन अलग
जितनी सीट, उतने रहे बच्चे
वर्दी में रहे चालक और कंडक्टर
पांच साल पुराना व्यवसायिक डीएल
वाहन के आगे-पीछे स्कूल का नाम
वाहन पर पुलिस कंट्रोल व स्कूल का फोन नंबर
सीट के पीछे बच्चों को पकड़ने के लिए हैंडिल
छोटे बच्चों को चढ़ने के लिए अलग से टेबल
बाक्स
स्कूलों में अटैच वाहन
कुल वाहन - 854
फिट मिले- 644
अनफिट -210
छोटे वाहन
कुल वाहन -488
फिट -300