तैयारी के बगैर हो रहे यूपी बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम

प्रैक्टिकल के आधे मा‌र्क्स स्कूल टीचर्स पर होते हैं निर्भर

ALLAHABAD: माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड की लिखित परीक्षाओं की तैयारियों में यूपी बोर्ड के अधिकारी जुटे है। वहीं बोर्ड के प्रैक्टिल एग्जाम का आगाज भी 21 दिसम्बर से हो गया है। पहले चरण में इलाहाबाद समेत अन्य कई जिलों में प्रैक्टिकल एग्जाम कराये जा रहे हैं। स्टूडेंट्स के सेहत पर इसको लेकर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल होने की अब कोई टेंशन नहीं है। क्योकि, प्रैक्टिकल में पास होने के लिए उन्हें आधे मा‌र्क्स बोनस के रूप में ही हासिल हो जाएगे।

30 नंबर की होती है परीक्षा

यूपी बोर्ड ने समय के साथ बोर्ड परीक्षा में कई तरह के बदलाव किए है। इसी के अनुसार बोर्ड परीक्षा के दौरान होने वाले इंटरमीडिएट में प्रैक्टिकल की परीक्षाएं 30 नम्बर की होती है। इसमें आधे मा‌र्क्स स्कूल टीचर्स की ओर से दिए जाते हैं। बाहर से आने वाले परीक्षक आधे मा‌र्क्स के लिए स्टूडेंट्स का प्रैक्टिकल एग्जाम कराते हैं। नैतिक शिक्षा व शारीरिक शिक्षा में ये मॉ‌र्क्स ग्रेडिंग के जरिए बोर्ड परीक्षा के परिणाम में जोड़े जाते हैं। जबकि हाई स्कूल में प्रैक्टिकल के मॉ‌र्क्स स्कूल की तरफ से दिए जाते हैं। स्कूल टीचर्स की ओर से दिए जाने वाले प्रैक्टिकल मॉ‌र्क्स साल पर भर स्टूडेंट्स द्वारा किए गए प्रोजेक्ट वर्क एवं मासिक परीक्षा के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। ऐसे में स्कूल के बेहतर रिजल्ट के लिए टीचर्स भी खुले हाथों से स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल का नम्बर बांटते हैं। हालांकि इसका कोई खास असर बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट पर नहीं जाता है। क्योंकि ज्यादातर में ग्रेडिंग सिस्टम ही लागू होता है।