-जिले सहित प्रदेशभर में बनाए गए जल मित्र फैलाएंगे जल संरक्षण का संदेश
-गंगा और यमुनापार के इलाकों में चलाया है जन जागरण अभियान
ALLAHABAD: जल संरक्षण को लेकर गंभीर होने का समय आ गया है, और यह बात इलाहाबाद विवि के शोधछात्र रामबाबू तिवारी बेहतर जानते हैं। उनकी ओर से तालाब एवं जल संरक्षण अभियान के बैनर तले गंगा और यमुनापार के दर्जनों गांव में जन-जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। तालाबों को कब्जामुक्त कराने से लेकर नए तालाब खोदवाने की मुहिम को बढ़ाया जा रहा है।
अब तक 37 गांव में लगाई चौपाल
जिले के गंगा और यमुना पार के 37 गांव में अब तक तालाब और जल संरक्षण अभियान के तहत पानी चौपाल का आयोजन किया गया है। अब तक संगठन की ओर से जिले में 1750 और प्रदेश में 4372 जल मित्र बनाए जा चुके हैं। इसी क्रम में सिन्धुवार, पांडर, सरसेड़ी, चन्दरा, नीबी, लोहगरा, खान सेमरा, कपारी, जोरवत, कलचिहा आदि गांव पर पानी चौपाल लगाकर जल मित्र के साथ जल सहेलियां भी बनाई गई हैं.शोध छात्र रामबाबू की अगुवाई में कई गांव में तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई गई है। इनको फिर से रिचार्ज कराने के लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है।
चले थे अकेले, बनता गया कारवां
इतना ही नही गंगापार और खासकर यमुना पार में हमारी टीम पचखरा, कंचनपुर, लौंगखुर्द, लेडि़यारी, बसहरा, भगदेवा सहित अनेक गांव में ग्राम प्रधान और एडीओ पंचायत की मदद से सात नए तालाब भी खोदवाए गए हैं। इस अभियान की शुरुआत 2011 में हुई थी और वर्तमान में 173 सक्रिय सदस्यों के अलावा 16 प्रोफेसर, 7 पीसीएस और 3 आईएएस अधिकारी अपना योगदान दे रहे हैं। इस टीम का संदेश एक-एक बूंद जल बचाकर जल संरक्षण को संदेश देना है। जिनमें प्रो आशीष सक्सेना, डॉ सुधीर सिंह, प्रो एचके पांडेय, प्रो सुनीत, डॉ सुमित सौरभ, डॉ विवेक पाण्डेय, सौरभ सिंह, गुंजन, कंचन, केके तिवारी आदि शामिल हैं।
फैक्ट फाइल
अभियान का नाम- तालाब एवं जल संरक्षण
अभियान प्रमुख- राम बाबू तिवारी, शोधछात्र इलाहाबाद विवि
सक्रिय सदस्य- 173 (इनमें 16 प्रोफेसर, 7 पीसीएस व 3 आईएएस रैंक अधिकारी हैं)
खोदवाए गए नए तालाब की संख्या- 7
कितने गांव में हुआ पानी चौपाल का आयोजन- 37
अब तक बनाए गए जिले में बनाए गए जल मित्र- 1750
अब तक प्रदेश में बनाए गए जल मित्र- 4372
यह भी हैं शामिल
प्रो। एचके पांडेय- (सीएमएनआईटी)
डॉ। सुनील सिंह- अतर्रा डिग्री कॉलेज (बुंदेलखंड विश्वविद्यालय)
डॉ। नईम- बुंदेलखंड विश्वविद्यालय
प्रो। आशीष सक्सेना- इलालाबाद विश्वविद्यालय
प्रो। योगेन्द्र यादव- भागलपुर विश्वविद्यालय
डॉ। विमल पांडेय- भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
डॉ। सुप्रिया सिंह- कहीं ज्वॉइन नहीं की हैं
डॉ। सुजीत श्रीवास्तव- कहीं ज्वॉइन नहीं किए हैं
डॉ। श्रीपाल सिंह- कहीं ज्वॉइन नहीं किए हैं
डॉ। संजय द्विवेदी- कहीं ज्वॉइन नहीं किए हैं
डॉ। रोहिताश्व शुक्ल- कहीं ज्वॉइन नहीं किए हैं
डॉ। मेराज अहमद कुरैशी- एलपीयू जालंधर
डॉ। विवेक पांडेय- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
डॉ। सुधीर सिंह- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
डॉ। सुभाष शुक्ल- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
जलस्तर तेजी से घट रहा है। अब भी नहीं जागे तो भविष्य में पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। इसलिए अभी से जागना जरूरी है और हमने इसी उद्देश्य को लेकर तालाब और जल संरक्षण अभियान की शुरुआत कर दी है।
-रामबाबू तिवारी, शोध छात्र
हमारे अभियान से रोजाना नए लोग जुड़ रहे हैं। जल मित्र और जल सहेलियों की संख्या बढ़ रही है। हमारा काम आम जनता को जल संरक्षण के महत्व को बताना है और इसे बखूबी किया जा रहा है।
-सतेंद्र दुबे, छात्र
पुराने तालाबों को कब्जे से मुक्त कराने के लिए मशक्कत चल रही है। सात नए तालाब खोदवाए गए हैं। प्रशासन का सहयोग मिलेगा तो इस अभियान में रफ्तार आ जाएगी।
-श्रीकांत, छात्र
अब तक 37 गांव में पानी चौपाल लगाई गई है। जल यात्रा का आयोजन भी किया जा रहा है। लोगों को भी समझना होगा कि एक-एक बूंद बचाकर हम अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। ऐसा नहीं किया तो कुछ साल बाद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।
-डॉ। आशीष सक्सेना, टीचर