सवेरे धुंध के बाद दिनभर चली ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

आसमान में छाए रहे बादल, अचानक दी ठंड ने दस्तक

ALLAHABAD: मौसम का मूड बिगड़ चुका है। शनिवार को अचानक हुए बदलाव ने इसको प्रूव कर दिया है। अभी तक तेज धूप से पसीना छोड़ रहे लोगों को एकाएक दिन के उजाले में ठंड का अहसास हुआ तो कांप उठे। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह पछुआ विक्षोभ के चलते हुआ है। देर से आया वेस्टर्न इफेक्ट स्ट्रांग हुआ तो आने वाले दिनों ठंड तेवर दिखा सकती है। वैसे वीकंड पर मौसम के यू टर्न ने पब्लिक के लिए माहौल को खुशनुमा बना दिया।

कांप गए लोग, थपेड़ों ने झकझोरा

मौसम में बदलाव की आहट शुक्रवार की शाम को ही मिल गई थी। लेकिन शनिवार सुबह पूरी तरह से बदले तेवर में था। नौ बजे के बाद सूरज देवता निकले तो भी बादलों ने उनकी तपिश पर ब्रेक लगा दिया। दिनभर ठंडे थपेड़ों और गलन ने परेशान किया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के प्रो। बीएन मिश्रा कहते हैं कि अगले एक से दो दिन में पता चल जाएगा कि पछुआ विछोभ कितना प्रभावशाली है। पहाड़ों पर स्नोफॉल लंबे समय तक हुआ तो इसका असर मैदानी इलाकों में निश्चित तौर पर पड़ेगा। जनवरी के तीसरे सप्ताह में बारिश, गलन और घने कोहरे से दो चार होना पड़ सकता है।

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पांच डिग्री गिरा दिन का तापमान

शनिवार को न्यूनतम तापमान में भले ही कोई अंतर नहीं रहा हो लेकिन अधिकतम तापमान पांच डिग्री कम रिकार्ड किया गया। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री था तो शनिवार को यह खिसक कर 19.9 डिग्री पहुंच गया। एसआरएन हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉ। मनोज माथुर कहते हैं कि मौसम में अचानक बदलाव सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। बॉडी की इम्युनिटी डाउन होने से लोग सर्दी, जुकाम, बुखार, थकान और खांसी की चपेट में आ सकते हैं। टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष गुप्ता के मुताबिक एलर्जी के चलते सांस फूलने और खांसी की शिकायत भी हो सकती है।

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रबी की फसल के लिए जरूरी है ठंड

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि देर से ही सही लेकिन ठंड पड़ना बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो रबी की फसल बर्बाद हो जाएगी। फसलों को पनपने के लिए ठंड की आवश्यकता है। मौसम में बदलाव होने से वीकेंड भी ठंडा रहा। सड़कों पर आमतौर पर उतनी रौनक नजर नहीं आई। शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।