प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज का लोकसभा चुनाव छ्रठवें चरण में 25 मई को होना है। इसमें राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ेंगे। इनके लिए चुनाव की ओर से 184 चुनाव चिंह जारी किए गए हैं। इनमें से चुनकर प्रत्याशियों को अपनी च्वाइस देनी होगी। इसके बाद रिटनिँग आफिसर द्वारा चुनाव चिंह का एलाटमेंट किया जाएगा।

पहली बार दी गई है जगह
वैसे तो देशभर में छह ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं जिनहे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। इनमें भाजपा का चुनाव चिंह कमल का फूल, आप का झाड़ू, कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया का हथौड़ा, हसिया और सितारा, बसपा का हाथी, कांग्रेस का हाथ का पंजा और नेशनल पीपुल्स पार्टी का चुनाव चिंह किताब है। इसके अलावा यूपी में राज्यीय दल अपना दल का कप प्लेट और सपा का साइकिल चुनाव चिंह लिए भी चुनाव चिंह जारी किए गए हैं। इनमें से आटो रिक्शा, बल्ला, आटा चक्की, हाकी स्टिक, किसान, केतली, चारपाई, किसान, गैस सिलेंडर, आरी, कैची हमेशा से उम्मीदवारों की प्राइमरी लिस्ट में शामिल रहे हैं। इनमें से कई चिंहों को पहली बार जगह मिली है। आइए जानते हैं कि कौन से नए चुनाव चिंह हैं-
-एसी
- कम्प्यूटर
- लैपटाप
- माउस
- सीसीटीवी कैमरा
- कूड़ेदान

इस अधिकार के तहत चुनाव आयोग देता है सिंबल

भारत में चुनाव कराने से लेकर पार्टियों को मान्यता और उन्हें चुनाव चिंह देने का काम चुनाव आयोग ही करता है। चुनाव आयोग को संविधान के आर्टिकल 324, रेप्रजेंटेशन ऑफ द पीपुल ऐक्ट 1951 और कंडक्ट ऑफ इलेक्शंस रूल्स 1961 के माध्यम से यह पावर मिलती है। वही निर्वाचन आयोग को द इलेक्शन सिंबल (रिजर्वेशन एंड एलाटमेंट) आर्डर 1968 के मुताबिक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने की पावर मिलती है। चुनाव आयोग के पास इस तरह के सिंबल की भरमार होती है। वह चुनाव चिंहों के लिए दो लिस्ट बनाकर रखता है। पहली लिस्ट में वे सिंबल होते हैं, जिनका आवंटन पिछले कुछ साल में हुआ है, जबकि दूसरी लिस्ट में ऐसे सिंबल हैं जिनका आवंटन किसी को नहीं हुआ है। बता दें कि चुनाव आयोग अपने पास रिजर्व में कम से कम ऐसे 100 निशान हमेशा रखता है, जो अब तक किसी को नहीं दिए गए हैं। साथ ही इनमें से ही किसी भी नए दल या फिर आजाद उम्मीदवार को चुनाव चिंह दिया जाता है। हालांकि कोई दल अगर अपना चुनाव चिंह खुद चुनाव आयोग को बताता है और वह सिंबल किसी के पास पहले से नहीं है तो आयोग उस पार्टी को उसे अलॉट कर देता है। वहीं राष्ट्रीय दलों को रिजर्व चुनाव चिंह मिल जाता है।

एक नजर में चुनाव प्रक्रिया
29 अप्रैल- अधिसूचना जारी
6 मई- नामांकन की आखिरी तारीख
7 मई- नामांकन पत्रों की जांच
9- मई- नाम वापसी
25 मई- मतदान
4 जून- परिणाम