महिला अत्याचार में यूपी नंबर वन, बिहार दूसरे, एमपी तीसरे, राजस्थान चौथे और दिल्ली है पांचवे स्थान पर

ALLAHABAD: राष्ट्रीय महिला आयोग की सचिव सुषमा साहू ने कहा कि यूपी में पुलिस महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को सुलझाने की बजाय और उलझा देती है। यहां की पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगाने और मामलों को लटकाने में एक्सपर्ट है। उन्होंने बताया कि देश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में यूपी टॉप पर है। पूरे देश का 55 प्रतिशत अपराध यूपी में ही होता है। इलाहाबाद में यह सात प्रतिशत है।

लेनदेन के चक्कर में मनमानी

पुलिस लाइन में थर्सडे को साहू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सिविल लाइंस महिला थाने की एसओ विद्या यादव ने बीते डेढ़ साल में आए सभी मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। हकीकत ये है कि इनमें से एक भी मामले सुलझे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विद्या के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस फाइनल रिपोर्ट लेनदेन के चक्कर में लगाती है। कुछ रुपयों की लालच में महिलाओं के न्याय के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

महिला अपराध में बिहार सेकेंड टॉप

महिला आयोग की सचिव ने बताया कि महिला अपराध में बिहार सेकेंड टॉप है। एमपी तीसरे स्थान और राजस्थान चौथे स्थान पर है। दिल्ली का नंबर पांचवा है। साहू ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अक्सर बलात्कार, दहेज उत्पीड़न, घरेलू उत्पीड़न आदि के मामले आते हैं। इनमें पुलिस दूसरे पक्ष से धन उगाही के चक्कर में महिला को न्याय नहीं मिलने देती। दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर मामले का हल निकालने की बजाय पुलिस केस दर्ज करने में तेजी दिखाती है ताकि दूसरे पक्ष से वसूली की जा सके।

39 में 23 मामले निपटाए

सुषमा साहू ने बताया कि उन्होंने वेडनेसडे को हुई जनसुनवाई में आए इलाहाबाद शहर के 39 में से 23 केसों का निपटारा कर दिया। अन्य मामलों को लेकर भी दिशा-निर्देश दिया है ताकि उन्हें जल्द निपटाया जा सके। महिला अत्याचार में अमूमन आने वालों से अलग तीन मामले भी सामने आए हैं। इन्हें भी जल्द निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान काउंसलर श्वेता झा और सर्वेश पांडेय भी मौजूद रहे।