-बरेली रेंज में 66 में से सिर्फ 22 में अपराध होना पाया गया

>BAREILLY: बरेली रेंज में लावारिस लाशों का मिलने का सिलसिला जारी है। पुलिस भी लावारिस लाशों के मामलों को वर्कआउट करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाती है और सिर्फ जीडी में एंट्री कर पल्ला झाड़ लेती है। यही वजह है कि बरेली रेंज में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक मिली 66 अज्ञात लाशों में से पुलिस सिर्फ 26 करे ट्रेस कर सकी। वहीं 40 अन्य लाशों का मामला अनट्रेस्ड है।

सिर्फ 4 में ढूंढ पायी क्लू

बरेली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक 66 अनआईडेंटीफाई डेडबॉडी में से 22 मामलों में क्राइम होना पाया गया। इसका मतलब इन सभी का मर्डर किया गया था। जिनमें से 4 में ही पुलिस कोई क्लू ढूंढ पायी और चार्जशीट दाखिल की। 5 मामलों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी और 13 मामले अभी भी विचाराधीन चल रहे हैं। 44 लाशें ऐसी मिलीं, जिनमें कोई क्राइम होना नहीं पाया गया। इनमें भी पुलिस सिर्फ 4 की ही पहचान कर सकी और 40 अभी तक अनट्रेस्ड हैं।

पीलीभीत में सबसे ज्यादा मामले

लावारिस लाशें मिलने के मामले में बरेली रेंज में पीलीभीत नंबर वन पर है। यहां 10 महीने में 31 लावारिस लाशें मिली हैं, जिसमें 25 की अभी तक पहचान ही नहीं हो सकी है। दूसरे नंबर पर बरेली में 16, बदायूं में 10 और शाहजहांपुर में 9 लावारिस लाशें मिली हैं।

डीआईजी ने मांगी रिपोर्ट

अज्ञात लाशों के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर डीआईजी ने सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई थी। इस रिपोर्ट के तहत कितने मामलों में अपराध होना पाया गया। पुलिस झूठी रिपोर्ट न भेज सके। इसके लिए उन्होंने सभी मामलों की पीएम रिपोर्ट की भी डिटेल मंगाई। इनमें से कई मामलों में पुलिस ने लू से मौत और तो कई की ट्रेन से मौत का रीजन बताया है। 31 अक्टूबर को देवरनियां के सेमीखेड़ा में मिली लाश को ट्रेन से कटकर मौत बताया गया। 27 सितंबर को फल मंडी के पास मौत के मामले में रोड एक्सीडेंट में मौत होना बताया।