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- नक्षत्रों और ग्रहों की चाल मिलकर चारों सोमवार को बना रहे हैं विशेष
- ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक परिवार संग मिलकर करें पूजन और अर्चन
BAREILLY: शिव पूजन का पवित्र सावन माह इस बार श्रद्धालुओं के लिए रहेगा। 20 जुलाई से नाथ नगरी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठेगी। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है। नक्षत्रों और ग्रहों का कुछ ऐसा मेल इस बार हुआ है कि सावन के प्रत्येक सोमवार शुभ संयोग के साथ श्रद्धालुओं के लिए लाभकारी होंगे। 20 जुलाई से 18 अगस्त तक पड़ने वाले सावन के 4 सोमवार कुछ खास रहेंगे।
पूजन विधि
शिव के व्रत में एक समय ही फलाहार किया जाने का विधान है। पूजन में शिव पार्वती का ध्यान कर पंचाक्षर मंत्र का जप करें। प्रत्येक सोमवार को गणेश, शिव, पार्वती और नंदी जी की पूजा करना फलदायी होगा। शिव पूजन के लिए पंचामृत, शहद, कलावा, वस्त्र, यज्ञोपवीत, चंदन, रोली, चावल, फूल, विल्व पत्र, दूर्वा, आक, धतूरा, कमल गट्टा, पंचमेवा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, दीप, दक्षिणा समेत पूजन कर कपूर से आरती करें। पूजन के बाद रुद्राभिषेक कर रात्रि जागरण करना लाभदायक रहेगा। शास्त्रों के मुताबिक सावन व्रत रखने से पुत्र, धन, विद्या व अन्य मनवांछित फल प्राप्त होते हैं।
85 वर्षो बाद बन रहा संयोग
बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं। राजीव शर्मा के मुताबिक इस बार चारों सोमवार जातकों के लिए फलदायी होंगे। क्योंकि
- पहला सोमवार षष्ठी तिथि उतराषाढ नक्षत्र में पड़ेगा, जो श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करने के अनुकूल है। यह नक्षत्र काफी प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन शिव की पूजा करना लाभकारी रहेगा।
- दूसरा सोमवार पुनर्वसु नक्षत्र में चतुर्दशी तिथि को पड़ेगा। इस दिन दो शुभ संयोग एक साथ होंगे। पहला सर्वाथसिद्ध योग और दूसरा ध्रुव योग का संयोग है। इस दिन शिवरात्रि की तर्ज पर पूजन करना विशेष होगा। जो सफलता, बाधाओं से मुक्ति दिलाएगा।
- तीसरा सोमवार नागपंचमी के पावन अवसर पर पड़ेगा। यह संयोग 85 वर्षो बाद बन रहा है। इस दौरान काल सर्प पूजन करने से ग्रह शांत होंगे। इस दिन परिवार के साथ मिलकर शिव पूजन आरती का पाठ करना लाभकारी होगा।
- चौथा सोमवार पूर्वाषाढ नक्षत्र समेत प्रीति योग के साथ प्रदोष काल में बनने से अति उत्तम संयोग बना रहा है। इस दिन श्रद्धा भक्ति से शत्रुओं पर विजय प्राप्त और आगामी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही, व्यापार करने के इच्छुक जातकों को लाभ होगा।
पूजन का मुहूर्त
पं राजेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक सावन का हर दिन पूजन के लिए विशेष होता है। लेकिन खास मुहूर्त में पूजन करना जातकों के लिए विशेष लाभकारी होगा। इसके लिए हर दिन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं
दिन समय
संडे सुबह 8.36 से 11.22 बजे तक
शाम 6.54 से रात 9 बजे तक
मंडे सुबह 5 से 9 बजे तक
शाम 6 से रात 8 बजे तक
ट्यूजडे सुबह 9 से 1 बजे तक
शाम 7 से 9 बजे तक
वेडनसडे सुबह 6.54 से 11.35 बजे तक
शाम 4 से रात 9 बजे तक
थर्सडे सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक
शाम 6 से रात 10 बजे तक
फ्राइडे सुबह 9 से 10 बजे तक
शाम 6 से रात 10 बजे तक
सैटरडे सुबह 6 से 9 बजे तक
शाम 7 से रात 11 बजे तक