स्प्रिंगडेल कॉलेज को सरकारी धन के दुरूपयोग पर जारी हुई आरसी

BAREILLY:

स्प्रिंगडेल कॉलेज के प्रबंधक तरुण जगोता पर विकास निधि और सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। इसके अलावा जिला ग्राम्य विकास अभिकरण विभाग को झूठा शपथ पत्र देने और डीआरडीए की अनुमति के कॉलेज बिल्डिंग को बेचने पर आरसी जारी की गई है। सैटरडे को चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर शिव सहाय अवस्थी ने डीएम को भू-राजस्व के अनुसार अनुमानित राशि करीब 57 लाख 60 हजार रुपए 18 प्रतिशत ब्याज की दर से वसूलने और डीआरडीए के खाते में जमा करवाने की मांग की है।

यह था मामला

वर्ष 2001-02 में विधान मंडल क्षेत्र विकास योजना के तहत स्प्रिंगडेल कॉलेज को 18 लाख रुपए की धनराशि सौंपी गई थी। कॉलेज ने कक्ष निर्माण एवं फर्नीचर खरीदने को लेकर शपथ पत्र दिया था। साथ ही उन्होंने सौ रुपए के स्टांप पेपर पर यह लिखकर बताया था कि वह संबंधित राशि से निर्माणाधीन भवन, लेबोरेट्री और लाइब्रेरी का उपयोग सार्वजनिक हित के लिए करेंगे। वहीं, क्रय विक्रय करते समय डीआरडीए की अनुमति जरूर लेंगे, लेकिन प्रबंधक ने बिल्डिंग बेचते समय डीआरडीए की अनुमति लिए बिना बिल्डिंग बेच दी। जांच के दौरान सभी आरोप सत्य पाए गए।

फेल हो गई राजनीति

विभागीय सूत्रों के मुताबिक स्प्रिंगडेल कालेज को खरीदने वाले पक्ष के लोगों ने स्कूल प्रबंधक को बचाने की कोशिश की। एक विधायक ने भी रिपोर्ट न दर्ज कराने का अफसरों पर दबाव बनाया लेकिन सत्तापक्ष के एक विधायक के दबाव के चलते रिपोर्ट लिखवाई गई। सूत्रों के मुताबिक विभाग के लोग पहले इसे ठंडे बस्ते में डाल रहे थे। इसके अलावा सीडीओ शिव सहाय अवस्थी ने 3 लाख से अधिक की विधायक निधि व सांसद निधि प्राप्त करने वाले सभी कॉलेजेज व स्कूलों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।