-पुलिस गिरफ्त में आए मटरू ने किए अहम खुलासे

-दो अन्य पशु तस्करों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

<-पुलिस गिरफ्त में आए मटरू ने किए अहम खुलासे

-दो अन्य पशु तस्करों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

BAREILLY:

BAREILLY:

फरीदपुर में पदारथपुर गांव के 90 परसेंट लोग गोकशी का धंधा करते हैं। गांव में दो गुट हैं, जो एक-दूसरे के जानवर भी लूट लेते हैं। पशु तस्कर भ् हजार का मवेशी ख्भ् हजार रुपए तक की कीमत में बेचते हैं। पशु तस्करों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। वह रोके जाने पर पुलिस पर फायर कर देते हैं। यह खुलासा कुख्यात बदमाश मटरू उर्फ जफरुद्दीन ने किया। मटरू से फ्राइडे आईजी व डीआईजी ने भी गहन पूछताछ की, जिसमें करीब ख् दर्जन लोगों के नाम चिह्नित हो गए हैं। मटरू के दो अन्य साथियों बड़े उर्फ कौशर और जाबिर को भी गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी ने पूरे गैंग को काकस को जल्द ही तोड़ देने का दावा किया है।

डकैती में भी शामिल था मटरू

पुलिस के अनुसार मटरू कुख्यात बदमाश है। उस पर डकैती, धोखाधड़ी, छेड़छाड़, एनडीपीएस समेत काऊ स्लाटर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। उसे कुछ महीने पहले ही काऊ स्लाटर एक्ट में पकड़ा गया था, जिसमें पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट भी लगाई थी, लेकिन वह कुछ दिनों पहले जेल से छूटकर आ गया। मटरू के अलावा पुलिस पर उसके साथी शहंशाह ने भी फायरिंग की थी। शहंशाह के पास तमंचा था। शहंशाह और मटरू डकैती की वारदात को एक साथ अंजाम दिया था। शहंशाह पीलीभीत डिस्ट्रिक्ट का हिस्ट्रीश्ाीटर है।

लाइट जली और चला दी गोली

मटरू ने बताया कि 9 सितंबर को वह रात में पशुओं को लेकर जा रहे थे। तभी अचानक गाड़ी की लाइट जली। उन्होंने समझा कि गांव के दूसरे गैंग के लोग हैं और पशु लूटने आए हैं। इस पर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन बाद में उसे पता चला कि पुलिस आई थी। मटरू ने बताया कि दूसरे गैंग के लोग भी अपने साथ असलहा रखते हैं। मटरू को पुलिस ने नेताओं की मदद से मिलने के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया।

ख्भ्00 रुपए में खरीदा था तमंचा

पुलिस ने बताया कि मटरू ने ख्भ्00 रुपए में शाहजहांपुर के कटरा स्थित एक गांव से तमंचा खरीदा था। उसने क्भ्0 रुपए की दर से कारतूस अपने चचिया ससुर फर्रुखपुर निवासी शरीफ से लिए थे। डीआईजी ने शाहजहांपुर के एसपी को कटरा पुलिस से तमंचा देने वाले की धरपकड़ का आदेश दिया है। पुलिस मटरू के चचिया ससुर की भी तलाश में लग गई है। मटरू ने पुलिस को पहले दूसरा तमंचा बरामद करा दिया, लेकिन जब पुलिस ने बड़े को गिरफ्तार किया तो उसके पास से एक पौनिया मिली। उसने बताया कि मटरू के पास दूसरा तमंचा था। जिसके बाद पुलिस मटरू को उसके घर ले गई तो उसने मिट्टी के तेल की केन में तमंचा को छिपा दिया था।

महंगे मोबाइल रखने का शौकीन

मटरू को ब्रांडेड कपड़े और महंगे मोबाइल का शौक है। उसके पास से महंगा स्मार्टफोन बरामद हुआ है। कई बार जेल जाने के चलते उसमें पुलिस का कोई खौफ नहीं था। लूटपाट और पशु तस्करी उसका धंधा बन गया था।

बहुत बड़ा है नेटवर्क

मटरू ने पुलिस को बताया कि पशु तस्करी का नेटवर्क बहुत बड़ा है। उसने अपने नेटवर्क के बारे में बताया कि वह गांव के पास ही लगने वाले नखासा से ब् से भ् हजार रुपए में बैल खरीदते हैं। बैल खरीदने वाले और लोग होते हैं। इन बैलों को गांव तक लाने वाले दूसरे लोग होते हैं। इन्हें इस काम के लिए क् से ख् हजार रुपए दिए जाते हैं। उसके बाद रात में बैलों को गाडि़यों में लोड किया जाता है। पशुओं को ले जाते वक्त पीछे-पीछे मदद के लिए लोग चलते हैं। उसके बाद पशु काटने वाले को पशु दे दिए जाते हैं। फिर इन्हें स्लाटर हाउस में पहुंचा दिया जाता है।

इन नामों का किया खुलासा

पुलिस की मानें तो पदारथपुर के अलावा कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोगों ने पशु तस्करी को व्यवसाय बना रखा है। इनमें कहीं न कहीं बड़े लोग भी शामिल हैं। पदारथपुर के अलावा भिंडौलिया में लईक, गुड्डू, नन्हा व अशरफ इस धंधे को करते हैं। जिले के अन्य पशु तस्करों की भी हिस्ट्री कलेक्ट की जा रही है।

शहीद दरोगा पर गोली चलाने वाले मटरू ने कई अहम खुलासे किए हैं। पशु तस्करी में पूरा पदारथपुर गांव में शामिल है। करीब एक दर्जन लोग चिह्नित हो गए हैं। पूरे नेटवर्क को ध्वस्त ि1कया जाएगा।

आर के एस राठौर, डीआईजी बरेल

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एसएचओ फरीदपुर पर गिरेगी गाज

फरीदपुर में शहीद दारोगा के मामले में कहीं न कहीं एसएचओ की भी लापरवाही सामने आई है। क्योंकि सीओ की सूचना के बावजूद भी एसएचओ ने थाना में होने के बावजूद टीम को लीड नहीं किया। इसके अलावा जब टीम पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी, तो फिर उन्होंने मौके पर भारी फोर्स ले जाने की जहमत तक नहीं उठाई। इसी वजह से एसएसपी ने उसी दिन एसएचओ को फटकार लगाई थी। अब डीआईजी व एसएसपी दोनों ने जल्द ही एसएचओ पर कार्रवाई की बात कही है। एसएचओ पहले से ही अंडर ट्रांसफर हैं।

मदद को मिले ख्7 लाख

एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि शहीद मनोज के परिवार को पूरी मदद दी जा रही है। इस बारे में परिजनों को भी बताया गया था। मनोज की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है। पुलिस डिपार्टमेंट के तहत ऐसे में कुल ख्7 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। एसएसपी ने अकाउंट डिपार्टमेंट को तुरंत परिजनों को ख्0 लाख की आर्थिक मदद देने का आदेश दिया।