कैंडिडेट्स ने एसएसपी से की मामले की शिकायत

-पांच कैंडीडेट्स को दलाल भर्ती का सपना दिखाकर फंसाया था

BAREILLY: सेना भर्ती में सेंध लगा चुके सक्रिय दलाल देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। फिलहाल, एक के बाद एक दलालों के आ रहे कारनामे इस खतरे की ही कहानी बयां कर रहे हैं, छह महीनों में अब तक कुल चार मामले पकड़ में आए। फर्जी दस्तावेज लगाने, सेना के कर्मचारी को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ने व डमी कैंडिडेट के मेडिकल में पकड़े जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक ताजातरीन मामले ने तो चौंका दिया, जिसमें पांच कैंडिडेट्स से सेना में भर्ती कराने के नाम पर 15 लाख रुपए ठग लिए गए, जिसकी शिकायत युवकों ने वेडनसडे को एसएसपी से की।

सेना की वर्दी में था दलाल

मनोज कुमार पुत्र ओमकार, बृजपाल पुत्र ओमकार, संजू पुत्र प्रेमचंद्र हामिदपुर, टप्पल अलीगढ़ के रहने वाले हैं। इसके अलावा गौरव ताहरपुर, टप्पल अलीगढ़ और नकुल पुत्र अजीत सिंह, रोही, जेबर गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है। पांचों युवक सेना में भर्ती होने चाहते हैं। लिहाजा, लास्ट ईयर सितम्बर में ये बरेली में सेना की भर्ती प्रकिया देखने आए थे। इस दौरान 2 सितंबर 2014 को हापुड़ में उनकी मुलाकात सुमित कुमार से हुई थी। सुमित कुमार ने खुद को सेना का जवान बताया था। उसने सेना की वर्दी पहन रखी थी जिस पर नेम प्लेट भी लगी हुई थी, जिसकी शिकायत युवकों ने एसएसपी से की।

तीन लाख रुपए प्रति कैंडिडेंट

पांचों युवकों का आरोप है कि सुमित ने कहा था कि सेना में भर्ती होने के लिए प्रति व्यक्ति 3 लाख रुपए देने होंगे। लिहाजा, उन लोगों ने सुमित को बरेली के कैंट एरिया में लास्ट ईयर 6 अक्टूबर 2014 को 15 लाख रुपए दे दिए, लेकिन उनकी सेना में भर्ती नहीं हुई। उनका आरोप है कि सुमित अब गायब हो गया है। युवकों ने बताया कि सुमित कसतला इंचौली मेरठ का रहने वाला है। उन्होंने एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में सुमित के तीन मोबाइल नंबर भी दिए हैं। इन्हीं नंबरों से सुमित युवकों से संपर्क बनाए हुए था।

मेरठ से इसमें भी लिंक

सेना भर्ती में फर्जीवाड़े का लिंक कहीं न कहीं घूमकर मेरठ से ही निकलकर आता है। दो दिन पहले पकड़े गए बहेड़ी के युवक राजीव ने भी मेरठ के रविंद्र भाटी का नाम बताया था। इससे पहले गैंग का मेन सरगना आदेश गुर्जर भी मेरठ का रहने वाला है। वहीं आदेश का साथी आदित्य भी मेरठ का रहने वाला है। अब एक और दलाल सुमित भी मेरठ का ही रहने वाला है। कहीं, सुमित भी आदेश गुर्जर गैंग का मेंबर तो नहीं है, क्योंकि, सभी दलाल एक दूसरे से लिंक बनाए हुए हैं।

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जल्द लगेगी फर्जी कैंडीडेट पर चार्जशीट

सेना में फर्जी पते पर भर्ती हुए 11 कैंडिडेट की जमानत भी फर्जी पतों पर ही हो गई। यहीं के रहने वालों ने कैंडिडेट को अपनी जान पहचान का बताया था। पुलिस ने 9 कैंडीडेट के असली पते तलाश कर लिए हैं। बस दो कैंडिडेट के असली पते मिलने बाकी हैं। इसके बाद पुलिस मामले में चार्जशीट लगाकर कोर्ट में पेश कर देगी। वहीं पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं जमानतदार फर्जी तो नहीं हैं। यदि ऐसा है तो उनके खिलाफ भी शिंकजा कसा जाएगा।

फर्जी पतों पर ही हो गई थी जमानत

दिसंबर में सेना ने फर्जी पते पर भर्ती होने आए 11 कैंडिडेट को गिरफ्तार किया था। इन सभी के पते फर्जी पाए गए थे। सभी को सेना ने पकड़कर जेल भेज दिया था। करीब सवा महीने बाद सभी की जमानत कोर्ट से हो गई थी। कोर्ट ने पुलिस को सभी कैंडिडेट के असली पते निकालकर डॉक्यूमेंट लगाने के निर्देश दिए। क्राइम ब्रांच अब तक 9 कैंडिडेट के एड्रेस निकाल चुकी है। आइए बताते हैं कि कौन हैं कैंडिडेट और क्या हैं उनके असली पते

कैंडिडेट असली पता नकली पता

सुमित कुमार पंक्षी खेड़ा, रायबरेली गुर्रइया बाड़ा लखीमपुर खीरी

अमर यादव बेहटा उन्नाव हिदायतपुर लखीमपुर खीरी

राहुल देवली, रायबरेली शांति नगर लखीमपुर खीरी

संदीप मउदीह, रायबरेली गोकुलपुरी लखीमपुर खीरी

श्याम सिंह कटिजर रायबरेली गोकुलपुरी लखीमपुर खीरी

विश्वेंद्र शहजा, आगरा शिवपुरी मीरगंज बरेली

अरुण मेरठ वरीपुरा वजीरगंज बदायूं

सचिन कुन्हेड़ा निवाड़ी, गाजियाबाद वरीपुरा वजीरगंज बदायूं

मोहित शर्मा भोला जागीर जानी मेरठ ईट गांव बिलसंडा पीलीभीत

पकड़ में आए चार मामले:

30 दिसंबर 14-

सेना की सीधी भर्ती में 11 कैंडिडेट फर्जी पतों पर भर्ती होते पकड़े गए

5 फरवरी 15- सेना भर्ती में मेडिकल देने आया डमी कैंडिडेट शैलेंद्र पकड़ा गया।

23 मई 15-सेना में भर्ती के नाम पर डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेते कैंडिडेट रघुवीर और दलाल सुनील कुमार पकड़ा गया।

8 जून 15-सेना में फर्जी मेडिकल देने आया विष्णु व उसे रुपए देने आया राजीव पकड़ा गया।

सेना के जवान भी दलाली में शामिल

सेना के अफसरों और जवानों का सेना भर्ती के लिए दलाल बन जाना कई अहम सवाल खड़े करता है। क्योंकि ऐसे में सेना की भर्ती प्रक्रिया और सेना की निष्ठा व ईमानदारी पर प्रश्न चिह्न लग रहा है। बता दें कि आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस की ओर से 48 चिह्नित दलालों की लिस्ट जारी की गई है। जिसमें सेना के कई एक्स कर्मचारी और अफसरों के शामिल होने की पुष्टि की गई है। फरवरी में फतेहगढ़ में हुई सेना भर्ती के मामले में लास्ट मंथ मई में सेना के एक एमईएस के जवान सुनील का पकड़ा जाना इसका बड़ा सुबूत है।

हर जिले में है दलालों का नेटवर्क

सेना में भर्ती का मास्टर माइंड मेरठ निवासी आदेश गुर्जर तो अरेस्ट हो गया है, लेकिन इसका नेटवर्क अभी एक्शन मोड में है। सूत्रों की माने तो गुर्जर ने यूपी-बिहार के सभी डिस्ट्रिक्ट में नेटवर्क तैयार किया है, जहां से उसके गुर्गे सेना में भर्ती होने वाले कैंडिडेट्स को अपने जाल में फंसाते हैं। बताते हैं कि भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़े का इसका धंधा करोड़ों में चल रहा है।