- मालगाड़ी पर चढ़े एक युवक को बचाने में हुआ था घायल

- परिवार वालों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल

BAREILLY:

जंक्शन में मालगाड़ी पर चढ़े मानसिक रूप से कमजोर एक युवक बचाने में गंभीर रूप से घायल ऑटो ड्राइवर अनिल कश्यप जिंदगी की जंग सैटरडे को हार गया। सुभाषनगर का रहने वाला अनिल 3 जुलाई को घायल हो गया था, जिसका इलाज फिलहाल रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। सैटरडे रात 9 बजे उसने आखिरी सांस ली।

152 घंटे बाद मौत से हारा

अनिल कश्यप जिंदगी से 152 घंटे जूझता रहा। लेकिन, वह सैटरडे को मौत से हार गया। अनिल की मौत की खबर चुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। मां कौशल्या देवी, पत्‍‌नी पिंकी बेटा अंकित और रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल रहा। अनिल की मौत की खबर सुन कर तमाम ऑटो चालक हॉस्पिटल पहुंच गए।

पांच दिन से रूहेलखंड में था एडमिट

रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में अनिल का इलाज पिछले 5 जुलाई से चल रहा था। ब्लड चढ़ाने और इलाज करने के बाद भी अनिल के स्वास्थ में कोई सुधार नहीं हुआ। सैटरडे को सुबह हॉस्पिटल के डॉक्टर ने हार मान ली है। उन्होंने अनिल कश्यप का इलाज दिल्ली एम्स या फिर चंडीगढ़ में कराने की सलाह परिवार वालों को सैटरडे को दी थी। घटना के दिन अनिल को सबसे पहले गंगाशील हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उसे बाद वहां से दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया था। लेकिन, एम्स में भी उसे एडमिट नहीं किया। जिसके बाद अनिल को बरेली वापस लाया गया। 5 जुलाई को जंक्शन पर पहुंचने पर परिवार वालों और ऑटो चालकों ने जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद उसे रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था।