- बीएड एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स बढ़ने की उम्मीद होने लगी है कम

- चौथे दिन केवल 46 परसेंट स्टूडेंट्स काउंसलिंग कराने आए

BAREILLY: बीएड कॉलेजेज की हालत दिन ब दिन पतली होती जा रही है। एडमिशन के लिए चल रही काउंसलिंग के चौथे दिन भ्0 परसेंट स्टूडेंट्स भी काउंसलिंग कराने नहीं पहुंचे। केवल ब्म् परसेंट स्टूडेंट्स ही काउंसलिंग कराने के लिए सेंटर्स पर पहुंचे। काउंसलिंग के शुरुआत में स्टूडेंट्स का इस कदर बीएड से दूर भागना सभी को अचंभित कर रहा है। फ‌र्स्ट फेज में क्फ् दिन का काउंसलिंग शेड्यूल है। अभी चार ही दिन हुए हैं। आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स बीएड में एडमिशन न लेना ही मुनासिफ समझ रहे हैं। एक्सपर्ट की मानें तो कोर्स की अवधी दो वर्ष का होना और बीएड कॉलेजेज की अवैध वसूली के चलते स्टूडेंट्स इससे विमुख हो गए हैं। यही हालात रहे तो इस बार कई प्राइवेट कॉलेजेज पर ताले लटक जाएंगे।

ब्म् परसेंट ही दिखे एडमिशन के लिए उत्सुक

मंडे को बीएड काउंसलिंग का अब तक का सबसे बुरा दिन रहा। काउंसलिंग का चौथा दिन था और भ्0 परसेंट भी स्टूडेंट्स काउंसलिंग कराने नहीं पहुंचे। रैंक ख्ख्,00क् से फ्ब्,000 रैंक तक के स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। आरयू में भ्90 स्टूडेंट्स को बुलाया गया था। जिसमें से ख्म्8 स्टूडेंट्स ही काउंसलिंग कराने पहुंचे। करीब भ्भ् परसेंट स्टूडेंट्स काउंसलिंग कराने नहीं पहुंचे। वहीं केसीएमटी के सेंटर्स पर भ्म्ख् स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। जिसमें से महज ख्भ्7 स्टूडेंट्स ही काउंसलिंग कराने पहुंचे। यहां पर करीब भ्ब् परसेंट स्टूडेंटस काउंसलिंग कराने नहीं पहुंचे। चौथे दिन की काउंसलिंग की हालत देखकर हर कोई सकते में है। काउंसलिंग करा रहे टीचर्स का मानना है कि अब इससे ज्यादा स्टूडेंट्स काउंसलिंग कराने नहीं आएंगे। उनकी मानें तो अब ज्यादा स्टूडेंट्स की उम्मीद नहीं की जा सकती। इन स्थितियों से प्राइवेट कॉलेजेज के मैनेजमेंट को अपने कॉलेजेज में ताला लटकता दिखाई दे रहा है।

अब तक केवल भ्8 परसेंट ने ही कराई काउंसलिंग

बीएड काउंसलिंग भ् जून से स्टार्ट हुई थी। मंडे तक जनरल रैंक के फ्ब्,000 स्टूडेंट्स की काउंसलिंग हो चुकी है। बरेली के दो सेंटर्स पर अब तक ख्,970 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। जिसमें से क्,709 स्टूडेंट्स ने ही काउंसलिंग कराई। इस लिहाज से भ्8 परसेंट स्टूडेंट्स काउंसलिंग कराने पहुंचे। काउंसलिंग के शुरूआत में ही बीएड एडमिशन का यह ग्राफ ज्यादा खुश करने वाला नहीं है।