-एक करोड़ रुपए से भरी लाल बत्ती कार में सवार लोगों ने पुलिस पर झाड़ा था रौब

-वेडनसडे को भी दिन भर थाने में लगी रही नेताओं की भीड़,

-कोर्ट में पहले से मौजूद मिले एक दर्जन से अधिक वकील

BAREILLY: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सूचना पर हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष के पति की कार से बरामद हुए एक करोड़ रुपए मामले में ट्यूजडे को पूरे दिन गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। फतेहगंज पूर्वी थाने में जहां नेताओं का मजमा लगा रहा, तो तहसील में जमानत के लिए वकीलों की फौज खड़ी थी। जमानत के लिए हर प्रयास जारी थे। पुलिस ने मामले में हरिद्वार जिपं अध्यक्ष के पति अमीर आजम, देवर सत्तार समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों के निर्देश पर गनर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

शाम 6 बजे ही मिल गई थी सूचना

ट्यूजडे शाम करीब 6 बजे बरेली पुलिस को सूचना मिली थी कि लाल बत्ती व हूटर लगी स्कार्पियो एक अन्य गाड़ी के साथ लखनऊ जा रही है। गाड़ी में अवैध रकम के साथ अन्य कोई आपत्तिजनक वस्तु हो सकती है। पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर सिटी व देहात के थानों में चेकिंग शुरू कर दी गई थी और एसपी सिटी स्वयं गाडि़यों के पीछे लग गए थे। दो गाडि़यों को फतेहगंज पूर्वी में बैरियर लगाकर रोक लिया गया था। पुलिस सोर्सेस की मानें तो गाड़ी रोकते ही गाड़ी में बैठे नेता लोग पुलिस पर हावी हो गए थे। नेता ने रौब झाड़ते हुए कहा कि आप होते कौन हैं गाड़ी रोकने वाले। जानते नहीं मैं जिला पंचायत अध्यक्ष हूं, जिस पर पुलिस ने गाड़ी की चाबी निकाल ली थी और बाद में सभी को थाना ले जाया गया था। वहां से एसपी सिटी की मौजूदगी में सभी को एसएसपी आवास पर लाया गया था और करीब दो घंटे बाद इनकम टैक्स की मौजूदगी में पुलिस लाइंस ले जाकर नोटों की गिनती शुरू की गई थी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मांगी रकम

पुलिस लाइंस में नोटों की गिनती के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोट जब्त कर ही कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस के बाद ही आगे की कार्रवाई के लिए कहा। सुबह करीब 5 बजे सभी को फतेहगंज पूर्वी थाना में ले जाया गया और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष हरिद्वार अंजुम बेगम के पति अमीर आजम, देवर सत्तार, व इदरीश, अकरम, व सुशील के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 472 व 171 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। गाड़ी में मौजूद हरिद्वार पुलिस के गनर के क्राइम में शामिल न होने की वजह से पुलिस कर्मियों ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।

गाडि़यों का काफिला

जब सुबह पुलिस सभी आरोपियों को थाना लेकर पहुंची तो वहां पर पहले से ही काफी संख्या में बसपा के बड़े-बडे नेता पहुंच गए। सभी अपने साथियों को छुड़ाने की हर संभव प्रयास करते नजर आए। दोपहर बाद जब फतेहगंज एसओ सभी आरोपियों को फरीदपुर कोर्ट में पेश करने के लिए निकले, तो उनके पीछे दो दर्जन लग्जरी गाडि़यों का काफिला पीछे लग गया। यही नहीं जैसे ही मुल्जिम को लेकर कोर्ट में पहुंचे तो वहां पर पुलिस को पहले से ही करीब एक दर्जन वकील नेताओं की पैरवी के लिए मौजूद मिले।

कैसे पकड़ पाती पुलिस

बरेली पुलिस को नेताओं की गाडि़यों के मुरादाबाद से पार होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने सीबीगंज से ही गाडि़यों को पकड़ने की शुरुआत कर दी थी, लेकिन पुलिस में जो गाडि़यां मौजूद हैं। उनकी स्पीड इतनी नहीं है कि वे स्कार्पियो का पीछा कर सकें। यही वजह रही कि गाडि़यां एक के बाद एक पांच थानों को पार करते हुए निकल गई। कुछ एसओ तो गाडि़यों के नजदीक तक नहीं फटक सके तो कुछ थाने से निकले, लेकिन तब तक गाडि़यां निकल चुकी थीं। यही नहीं एक अधिकारी भी गाडि़यों का पीछा करते हुए फरीदपुर तक पहुंच गए थे। गाडि़यों के क्रास हो जाने पर वापस लौटने की तैयारी करने में लग गए थे। यदि फतेहगंज पूर्वी में पुलिस पिकेट को सूचना नहीं दी गई होती तो जिले से गाडि़यां जरूर पार हो जाती।

दो साल से नहीं भरा टैक्स

हालांकि इस मामले में इनकम टैक्स की ओर से अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रकम को सत्तार लेकर जा रहा था। वह न तो इनकम टैक्स और न ही पुलिस को इस पैसे का पूरा ब्योरा दे सका। जब पुलिस ने उससे इनकम टैक्स भरने के बारे में पूछा तो बताया कि उसने दो साल से इनकम टैक्स नहीं भरा है। जिससे साफ है कि वह किसी धनपशु से मोटी रकम ले जाकर लखनऊ में प्रापर्टी खरीदने के नाम पर ले जा रहे थे।