- एक्स्ट्रा खर्च से कंपनियां कैश लोड करने से कर रही मना

BAREILLY:

छुट्टी के बाद खुले बैंक्स से शहरवासियों को उम्मीद थी कि उनके एटीएम भी वेडनसडे को खुलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शहर के अधिकतर एटीएम पर ताला लटकता रहा, जो एटीएम खुले भी वहां पर लाइन में लगे लोगों को कैश नहीं मिल सका। बैंक्स से पर्याप्त कैश नहीं मिलने पर एजेंसीज भी एटीएम में बार-बार कैश लोड करने से साफ मना कर दे रही हैं। क्योंकि, उनको नुकसान हो रहा हैं। वहीं दूसरी ओर कैशलेस एटीएम होने से शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नहीं खुले एटीएम

शहर में एसबीआई, पीएनबी, बीओबी और यूनियन सहित अन्य बैंकों के 250 एटीएम लगे हुए हैं। लेकिन, वेडनसडे को मात्र तीन एटीएम ही शहर में खुले रहे हैं। एसबीआई मेन ब्रांच पर लगे एटीएम पर पिछले तीन दिन से ताला लटका हुआ है। सिर्फ पासबुक प्रिंटिंग मशीन ही खुला रहा। वही स्टेशन रोड पर लगे एटीएम भी बंद रहे। शहर में वेडनसडे को खुले तीन एटीएम से मात्र 10 लाख रुपए विड्रॉ हुए। उसके बाद वह भी ठप पड़ गए।

लगी रही लंबी लाइन

सबसे बड़ी लंबी लाइन आईसीआईसीआई और एचडीएफसी ब्रांच पर लगे एटीएम पर रही। यहां पर 150 की संख्या में लोग लाइन में लगे रहे। महिलाओं और जेंट्स के लिए अलग-अलग लाइन थी, लेकिन एक-एक व्यक्ति द्वारा दो से तीन एटीएम इस्तेमाल किए जाने की वजह से एटीएम से कैश समय से पहले खत्म हो गए। जिस वजह से लोगों को खाली हाथ घर लौटना पड़ा।

कैश ढोने का बढ़ा खर्चा

एक एटीएम की क्षमता करीब 12 लाख रुपए की होती है। एक बार में इतने रुपए एक साथ लोड किए जा रहे हैं, लेकिन कैश की किल्लत की वजह से वर्तमान समय में एक एटीएम में 2-3 लाख रुपए ही लोड किए जा रहे हैं। ऐसे में एक एटीएम का कंपनियों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कैश ढोने वाले वाहन के फ्यूल का खर्च, उसके सिक्योरिटी पर एक्स्ट्रा खर्च पड़ रहा हैं। एजेंसीज को बैंक से एक दिन में दो बार एटीएम लोड करने का करार होता हैं। बैंक फिलहाल कंपनी को उतना कैश मुहैया नहीं करा पा रही है कि कंपनी के कर्मचारी एटीएम में कैश लोड कर सके।