-पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सुनाया था एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी करने का फैसला

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अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में पढ़ाने वाले एडहॉक प्रोफेसर्स के लिए यह खबर राहत देने वाली है। दरअसल, हाईकोर्ट के इस फैसले कि एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी किया जाएगा। इससे बरेली के लिए 150 प्रोफेसर्स को फायदा मिलेगा। इन प्रोफेसर्स का स्थायी होने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं विशेष सचिव ने इस संबंध में शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी करने के लिए कहा है।

छह अप्रैल को सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ। जितेन्द्र कुमार और अन्य नौ लोगों की रिट पर छह अप्रैल 2016 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने हायर एजुकेशन सर्विस कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में पढ़ाने वाले एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी करने का फैसला सुनाया था। साथ ही सरकार को जल्द से जल्द एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी करने का आदेश दिया। वहीं सरकार के आदेश को अमलीजामा पहनाते हुए विशेष सचिव मधु जोशी ने दो मई को उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर शासन की मंशा से अवगत कराया। उन्होंने बताया उन्हीं एडहॉक प्रोफेसर्स को स्थायी किया जाएगा, जिनका चयन रिक्त एवं अनुमोदित पद पर नियमानुसार हुआ है। यूजीसी के निर्धारित मानकों को पूरा करता हो। हायर एजुकेशन सर्विस कमीशन की संस्तुति के बाद ही एडहॉक प्रोफेसर्स को नियमित किया जाएगा। इस मसले पर रजिस्ट्रार डॉ। एसएल मौर्य का कहना है कि शासन का पत्र मिल चुका है। जल्द ही उन एडहॉक प्रोफेसर्स की सूची तैयार कराई जा रही है। जिनका चयन यूजीसी के मानक के अनुरूप किया गया था।