- पांच हजार शिक्षकों का हक दबाए बैठे

- सरकार ने दिए आदेश, मान्यता खत्म करने को जारी हों नोटिस, एक सप्ताह में कर दें कार्रवाई

BAREILLY

स्कूलों और इंटर कॉलेजेज में बच्चों को पढ़ाकर अपना गुजारा करने वाले शिक्षकों का संज्ञान अब सरकार ने लिया है। लेकिन सरकार की मंशा को धूमिल करने में जिले के 288 सेल्फ फाइनेंस कॉलेज लगे हैं। कॉलेज संचालक सख्ती के बाद भी शिक्षकों का डाटा नहीं भेज रहे हैं। इसलिए सरकार ने कॉलेजेज की मान्यता खत्म करने का फैसला लिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए थर्सडे को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इन कॉलेज संचलाकों को नोटिस जारी किए हैं। इसके बाद भी शिक्षकों का डाटा नहीं आया, तो सीधे मान्यता खत्म कर दी जाएगी। इसके अलावा पढ़ रहे बच्चों का दूसरे स्कूल्स या कॉलेजेज में प्रवेश कराया जाएगा।

27 हजार से अधिक हैं स्टूडेंट्स

जिले में 288 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय व इंटर कॉलेज हैं। इनमें 27 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा पा रहे हैं। पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या पांच हजार से अधिक है। इन शिक्षकों को कॉलेज संचालक एक हजार से लेकर तीन हजार रुपए तक मानदेय दे रहे हैं। सरकार उनके लिए मानदेय की व्यवस्था की है। शिक्षकों का डाटा जैसे ही सरकार के पास पहुंचेगा और रकम जारी हो जाएगी। लेकिन विद्यालय प्रबंधन डाटा नहीं भेज रहा। बताया जाता है कि तमाम जगह शिक्षकों से मानदेय पर कमीशन मांगा जा रहा है, जहां फिट हो गया उसका नाम सूची में शामिल कर रहे हैं। कुछ शिक्षक स्कूलों में पढ़ाते नहीं लेकिन उनसे रकम लेकर उनका नाम शामिल किए जाने की तैयारी की जा रही है। कुछ स्कूल तो पूरे परिवार व रिश्तेदारों के नाम भी तैयार करने में लगे हैं, लेकिन फाइल जमा नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में विभाग ने सरकार को चिट्ठी लिखी। सरकार ने आदेश दे दिए कि ऐसे विद्यालयों की मान्यता खत्म करने की तैयारी की जाए।

वर्जन

वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधन ने शिक्षकों का डाटा नहीं दिया है। कुछ स्कूल ही सामने आए हैं। डाटा न देने वाले 288 स्कूलों को मान्यता प्रत्याहरण का नोटिस जारी किया गया है। मुन्ने अली, डीआइओएस