स्मार्ट सिटी मिशन में यूपी के 13 शहरों में बरेली को मिली चौथी रैंक

लखनऊ-वाराणसी जैसे बड़े शहरों को पछाड़ टॉप 5 में बनाई जगह

शहरी विकास मंत्रालय करेगा सभी शहरों के रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा

BAREILLY: सुरमे और मांझा के शहर से देश भर में जाने गए बरेली शहर की पहचान आने वाले समय में स्मार्ट सिटी से होने की उम्मीदें और मजबूत हो गई है। केन्द्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन में वेडनसडे को यूपी से 13 शहरों के नामों पर मुहर लगी। इन 13 शहरों में बरेली ने भी अपनी मौजूदगी न सिर्फ दर्ज करा ली है बल्कि यूपी के कई बड़े शहरों को पछाड़ते हुए चौथी रैंक भी हासिल की है। जानकारों ने बरेली की इस उपलब्धि को स्मार्ट सिटी के सपने को साकार करने की राह में मील का पत्थर माना है।

यूपी में पास, अब दिल्ली की बारी

स्मार्ट सिटी मिशन को लेकर वेडनसडे को राजधानी लखनऊ में मुख्य सचिव की अगुवाई में स्टेट लेवल हाई पावर्ड स्टेयरिंग कमेटी की अहम बैठक हुई। जिसमें सभी निकायों व नगर पालिकाओं के मुखियाओं ने शिरकत की थी। बैठक में निकायों व नगर पालिकाओं की ओर से अपने प्रोफार्मा में दिए गए अंकों के लिए दस्तोवजों व रिका‌र्ड्स का प्रेजेंटेशन दिया गया। बरेली के लिए नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने प्रेजेंटेंशन दिया। जिस पर हाई कमेटी के मेंबर्स सहित केन्द्र व राज्य सरकार के अधिकारियों ने सहमति जताई और बरेली ने स्मार्ट सिटी के लिए यूपी सरकार का टेस्ट डिक्टेशन नंबर से पास कर लिया है। यानी यूपी का एग्जाम पास करके बरेली अब दिल्ली तक पहुंच गई है।

पीएम-होम मिनिस्टर के शहर को पछाड़ा

स्मार्ट सिटी की रेस में बरेली शहर ने पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र वाले शहर वाराणसी और राजधानी लखनऊ को पटखनी दे दी। 13 स्मार्ट सिटीज की लिस्ट में गृहमंत्री के लखनऊ को जहां 7वीं रैंक मिली। वहीं पीएम मोदी के शहर वाराणसी को 8वीं रैक के लिए जूझना पड़ा। केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन के लिए यूपी के 24 शहरों में टॉप 13 में जगह बनाने को होड़ थी। केन्द्र सरकार की ओर से देश में 100 स्मार्ट सिटीज डेवलेप किए जाने की घोषणा की गई। जिसमें यूपी के खाते में 13 शहरों के लिए जगह अलॉट किए जाने की बात है।

तो टॉप में होता बरेली

वेडनसडे को हुई हाई कमेटी की बैठक में प्रेजेंटेशन के बाद बरेली को स्मार्ट सिटी में शुमार किए जाने पर हरी झंडी दिखा दी गई। लेकिन जेएनएनयूआरएम के पेयजल प्रोजेक्ट के देरी होने के चलते बरेली के हाथ से पहली रैंक फिसल गई। दरअसल बरेली को प्रेजेंटेशन में कुल 90 में से 77.5 मा‌र्क्स के साथ 86.11 फीसदी अंक मिले। बरेली से ऊपर पहले स्थान पर रहे मुरादाबाद को 90 फीसदी, दूसरे स्थान पर रहे अलीगढ़ को भी 90 फीसदी और तीसरे स्थान पर रहे सहारनपुर को 87.50 फीसदी मा‌र्क्स मिले। प्रोफार्मा की शर्तो के मुताबिक पेयजल योजना यूआईडीएसएएमटी में 80 फीसदी काम पूरा होने पर शहरों को 10 मा‌र्क्स मिलते। लेकिन योजना में करीब 94 फीसदी काम पूरा होने के बावजूद बरेली को यह 10 मा‌र्क्स नहीं मिल सके, क्योंकि बरेली में जुलाई 2012 में लागू हुई। जबकि अन्य जगहों पर यह मार्च 2012 में ही लागू हो गई। अगर इन एक्स्ट्रा 10 नम्बर से बरेली की मार्किंग होती तो यह 90 फीसदी से ज्यादा अंकों के साथ पहली रैंक पर काबिज होता।

पहले फेज में ही नाम आने की उम्मीद

देश भर से स्मार्ट सिटीज के लिए 100 शहरों का चुनाव किया जाना है। जानकारों के मुताबिक केन्द्र सरकार की ओर से सभी 100 शहरों का चयन करने के बाद फेज वाइस स्मार्ट सिटीज की कवायद शुरू की जाएगी। पहले फेज में केन्द्र सरकार की ओर से 20 स्मार्ट सिटीज को डेवलेप किए जाने की संभावना है। ऐसी कंडीशन में हर राज्य से स्मार्ट सिटीज के तौर पर चुने गए शहरों को पहले फेज में छंटनी की सामाना करना पड़ेगा। लेकिन इस सिचुएशन में भी बरेली अपनी दावेदारी की तरह ही अपनी जगह बचाने में कामयाब रहेगा। पहले फेज में देश भर से टॉप 20 शहरों के चुनाव में यूपी से टॉप 4 शहरों को सेलेक्ट किया जाएगा। जिसमें चौथी रैंक के चलते बरेली का नाम आना तय है। कुल मिलाकर फेज फ‌र्स्ट में ही बरेली शहर के स्मार्ट सिटी बनने की राह शुरू हो जाएगी।

अब दिल्ली में होगा बरेली का एग्जाम

स्मार्ट सिटी में यूपी से 13 शहरों के नाम फाइनल हो जाने के बावजूद इनके सामने कड़ी चुनौती की बाधा बाकी है।

हाई पावर्ड कमेटी से मंजूर हुए स्मार्ट सिटीज वाले शहरों के डाटा फाइनल हैं। चुने हुए इन सभी शहरों की रिपोर्ट शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजी जाएगी। जहां मंत्रालय इन रिपोर्ट की समीक्षा करेगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केन्द्र सरकार सभी चुने हुए शहरों को 2 करोड़ का बजट और एक काउंसलर मुहैया कराएगी। इन चुने हुए शहरों को 2 करोड़ के बजट व काउंसलर की मदद से अपने यहां प्रोजेक्ट डिजाइन करने होंगे। मंत्रालय अलग अलग शहरों के प्रोजेक्ट की समीक्षा कर उनका मूल्यांकन करेगा। जिस शहर का प्रोजेक्ट पास होगा, उस पर ही स्मार्ट सिटी का रूप देने को बड़ा बजट जारी होगा।

कामकाज का होगा वेरिफिकेशन

स्मार्ट सिटी के लिए किए गए आवेदन में चुने गए शहरों को मिले अंकों पर भारत सरकार की भी नजर रहेगी। राजधानी लखनऊ में प्रेजेंटेशन के बाद चुने गए शहरों को भारत सरकार के सामने भी प्रेजेंटेशन देना होगा। इसके अलावा शहरों को डेवलेप किए जाने संबंधी कार्यो पर भी भारत सरकार की नजर रहेगी। इसके लिए बकायदा एक टीम होगी जो इसकी जांच करेगी। स्मार्ट सिटी की पूरी कवायद और कॉन्सेप्ट परफॉर्मेस बेस्ड है। इस परीक्षा में भी पास होने के लिए 31 जुलाई को लखनऊ में स्मार्ट सिटीज के लिए चुने गए शहरों के निकायों व नगरपालिकाओं के अधिकारियों की एक वर्कशॉप होनी है।

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