दीपमाला हॉस्पिटल में पीसीबी और नगर निगम की ज्वाइंट टीम का छापा

एक डस्टबिन में डाल रहे थे बायो मेडिकल वेस्ट, एजेंसी का नहीं ठिकाना

>BAREILLY: नियमों को ताक पर रखकर मरीजों का इलाज करने चलते चौपुला चौराहा स्थित दीपमाला हॉस्पिटल में संडे को फिर छापा पड़ा। नगर निगम और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ज्वाइंट टीम ने हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट के संक्रमण के बीच इलाज होते हुए पाया। हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल का कोई रिकार्ड नहीं मिला। न ही हॉस्पिटल परिसर में बायो मेडिकल वेस्ट के सेग्रीगेशन की व्यवस्था थी। मरीजों के बेड के पास ही खतरनाक मेडिकल वेस्ट रखा था।

पैथोलॉजी का बुरा हाल

दीपमाला हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही की कंप्लेन सीएमओ डॉ। विजय यादव से हुई थी। जिस पर सीएमओ टीम ने सैटरडे को हॉस्पिटल में छापा मारा था। जिसमें जनरल वार्ड में ही सामान्य मरीजों के साथ डेंगू के मरीजों को इलाज हो रहा था। संडे नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अशोक कुमार और पीसीबी के असिस्टेंट साइंटिस्ट पीसी कन्नौजिया ने हॉस्पिटल में दोपहर 12 बजे छापेमारी की तो खुले में कूड़ा फैला दिखा। पैथोलॉजी में सामान खुले में बिख्ारा था।

वीडियोग्राफी में कैद बदहाली

टीम ने पैथोलॉजी में काम रहे स्टाफ से बायो मेडिकल वेस्ट के लिए जरूरी डस्टबिन की कलर कोडिंग पर सवाल किए तो कोई जवाब नहीं दे सका। किसी को भी रेड, ब्लू, येलो और ब्लैक डस्टबिन में रखे जाने वाले मेडिकल वेस्ट की जानकारी नहीं थी। पैथोलॉजी के सामने बने ऑफिस के बाहर ही मरीजों को बेड पर और बेसमेंट में बने छोटी कोठरियों में भी मरीजों का इलाज हो रहा था। जहां वेंटीलेशन और लाइट की भी व्यवस्था नहीं थी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सारी खामियों की मोबाइल रिकॉडिर्1ग की।

खामी पर बचने के दिए टिप्स

इंस्पेक्शन के दौरान खामियों की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ज्वाइंट टीम हॉस्पिटल ओनर डॉ। सोमेश मेहरोत्रा के पास पहुंची। इस दौरान आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। रवीश अग्रवाल भी मौजूद रहे, लेकिन खामियों पर कार्रवाई की बजाय ज्वाइंट टीम के अधिकारी डॉ। सोमेश मेहरोत्रा को बचने के टिप्स देने लगे। ज्वाइंट टीम ने हॉस्पिटल को नोटिस देने और तीन दिन के अंदर जवाब देने की औपचारिकता निभाने को कहा। साथ ही टेंशन न लेने और आपसी गैप को कम करने की सलाह दी। ज्वाइंट टीम ने आईएमए के डॉक्टर्स को बायो मेडिकल वेस्ट पर बैठक करने को कहा।

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हॉस्पिटल में कई खामियां मिली। बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए अलग अलग डस्टबिन नहीं थे। वेस्ट उठाने को एजेंसी का भी ब्योरा न मिला। स्टाफ को भी सेग्रीगेशन की जानकारी नहीं है। नोटिस भेजा जा रही है।

- डॉ। अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी