बीडीए हॉस्पिटल के अवैध निर्माण पर डिमोलिशन की कार्रवाई पर रहा मौन

कंपाउंडिंग डॉक्यूमेंट्स और नक्शा पर सीएमओ ने रजिस्ट्रेशन किया पास

BAREILLY: शहर में अवैध निर्माण कार्यो पर बीडीए की एक और कारगुजारी उजागर हुई है। मिनी बाईपास पर स्थित दिवाकर हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के अवैध निर्माण पर डिमोलिशन की कोरी धमकी देने वाले बीडीए ने पहले हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद कराया। फिर कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधकर हॉस्पिटल के दोबारा रजिस्ट्रेशन की राह भी खुद तैयार करा दी। हॉस्पिटल संचालक की ओर से डिमोलिशन की कार्रवाई रद होने और कंपाउंडिंग व नक्शे के डॉक्यूमेंट्स बीडीए में जमा कराने का आधार देकर दोबारा रजिस्ट्रेशन का आवेदन कर दिया। जिस पर सीएमओ डॉ। विजय यादव ने मामले में बीडीए की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन दोबारा जारी कर दिया।

अवैध निर्माण्ा का विवाद

मिनी बाईपास पर बिना बीडीए से नक्शा अप्रूव्ड कराए व लेआउट डिजाइन दिए दिवाकर हॉस्पिटल का

अवैध निर्माण हुआ। इस पर बीडीए की ओर से दिवाकर हॉस्पिटल का चालान कराने के साथ ही मुकदमा दर्ज कराकर सीलिंग की कार्रवाई भी की गई थी। जुलाई में हॉस्पिटल को ढहाने की कार्रवाई की तैयारी की गई। लेकिन पुलिस फोर्स न मिलने से हॉस्पिटल का अवैध निर्माण न गिराया जा सका। हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से इस बीच कोर्ट में अपील दायर की गई। जो खारिज हो गई। जिसके बाद 15 सितंबर को बीडीए टीम हॉस्पिटल ढहाने जेसीबी और पुलिस फोर्स लेकर पहुंच गई। लेकिन भारी विरोध के चलते टीम 10 दिन बाद कार्रवाई की चेतावनी देकर लौट गई थी।

3 हफ्ते तक कारर्वाई नहीं

बीडीए की ओर से 21 सितंबर को सीएमओ ऑफिस को लेटर भेजा गया। जिसमें अवैध निर्माण के चलते दिवाकर हॉस्पिटल को ढहाए जाने का हवाला दिया गया। इसके लिए हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद करने की अपील की गई। इस पर सीएमओ ने 23 सितंबर को दिवाकर हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन नम्बर - 369 फौरन रद कर दिया। साथ ही मरीजों को अन्य हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए। लेकिन हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद हुए 21 दिन बीतने के बावजूद बीडीए की ओर से हॉस्पिटल के डिमोलिशन की कार्रवाई नहीं हुई।

बीडीए की रजिस्ट्रेश्ान की मांग

हॉस्पिटल पर डिमोलिशन की कार्रवाई करने के बजाए बीडीए के अधिकारी अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग कराने में जुट गए। 7 अक्टूबर को हॉस्पिटल संचालक जीआर दिवाकर ने सीएमओ को लेटर भेजा। जिसमें हॉस्पिटल की कंपाउंडिंग करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स व भवन नक्शा बीडीए ऑफिस में जमा करने का हवाला दिया गया। वहीं एक दिन पहले 6 अक्टूबर को बीडीए वीसी की ओर से सीएमओ को लेटर भेजकर हॉस्पिटल का डिमोलिशन न करने और इसका रजिस्ट्रेशन दोबारा जारी करने की अपील की गई।

सीएमओ के सवाल पर चुप्पी

13 अक्टूबर को सीएमओ की ओर से बीडीए वीसी को लेटर भेजा गया, जिसमें हॉस्पिटल पर होने वाली कार्रवाई के बारे में जल्द ही सूचित करने को कहा गया। लेकिन बीडीए की ओर से इस पर कोई जवाब न दिया गया। 25 अक्टूबर को सीएमओ की ओर से फिर से बीडीए को लेटर भेजकर हॉस्पिटल पर कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी गई। जिस पर बीडीए अधिकारियों ने फिर चुप्पी साध ली। इस पर सीएमओ की ओर से दीपावली से दो दिन पहले 28 अक्टूबर को दिवाकर हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर का रजिस्ट्रेशन दोबारा जारी कर दिया गया।

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दिवाकर हॉस्पिटल की कंपाउंडिंग नहीं हुई है। न ही डिमोलिशन की कार्रवाई हो सकी है। भवन की कंपाउंडिंग रेजिडेंशियल के तौर पर ही होगी। हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन होने की जानकारी नहीं है।

गरिमा यादव, सचिव, बीडीए

बीडीए की ओर से हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन कराने का लेटर मिला था। हॉस्पिटल पर बीडीए की कार्रवाई के बारे में पूछा गया, तो कोई जवाब न मिला। इस पर सशर्त हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन दोबारा किया गया है।

- डॉ। विजय यादव, सीएमओ