शराब के विज्ञापनों से पटा शहर, बालमन पर पड़ रहा बुरा असर

BAREILLY:

BAREILLY :सुनने-बोलने में असमर्थ बच्चों के स्कूल के आसपास नियम-कायदों को ताक पर रखकर शराब और तबाकू उत्पादों की खुलेआम बिक्री हो रही है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि नॉवेल्टी स्थित संकेत स्कूल के गेट के बिल्कुल सामने शराब के बड़े-बड़े विज्ञापन भी लगे हैं, जो बालमन को प्रभावित करते हैं। स्कूल के प्रिंसिपल शराब के विज्ञापन हटवाने और तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित कराने की कोशिशें कर थक चुके हैं। स्कूल के गेट पर सत कानून का बोर्ड भी लगाया, पर सरकारी तंत्र नींद में है। बचपन को इस नजारे से बचाने की जरूरत है।

विज्ञापनों से बालमन पर असर

प्रिंसिपल बलवंत सिंह को 165 बच्चों की चिंता सताती है। लोग आए दिन स्कूल के बाहर नशे में हंगामा करते हैं तो बच्चे शराब के विज्ञापन होर्डिग्स की तरफ इशारा कर उनसे पूछते हैं, ये क्या है? तब प्रिंसिपल भी निरुत्तर हो जाते हैं।

स्पेशल चाइल्ड एक्सपर्ट चंगेज ान बताते हैं कि दृश्य विज्ञापन एक्सपेरिमेंटल, इकॉलॉजिकल और सर्वे तीन प्रोसेस में स्पेशल किड्स पर प्राव डालते है। इससे मादक पदार्थो के प्रति अट्रैक्शन बढ़ता है और बच्चों के मन में ाी इसे टेस्ट करने की इच्छा बढ़ती है।

जो बच्चे आंखों से देखकर ही कॅरियर यीशराब के विज्ञापनों से धीरे-धीरे शहर पटता जा रहा हैं। जो बच्चों की मानसिकता को प्रावित कर रहे हैं।

देश में एल्कोहलिक उत्पादों के विज्ञापन प्रतिबंधित होने के बावजूद प्रदेश में इसके लिए ाहैरान कर देने वाली बचपन को 'सुरूर' का रास्ता दिा रहे इन बड़े बड़े विज्ञापनों पर बने शराब की बोटल्स के बड़े फोटो के बारे में एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि कहीं न कहीं ये विज्ञापन नशे की तरफ पहला कदम बढ़ाने का मजबूर करते हैं। इसके ाली-ांति परिचित होने के बाद ाी जिमेदारों ने इससे मुंह फेर रा है। तेजी से बढ़ते जा रही विज्ञापनों की श्रृंाला पर शासन, प्रशासन ाी गैरजिमेदराना रवैया अपना हुए हैं।

डेफ एंड डंब स्कूल के ठीक सामने बीयर बार ाुला है। जिस पर शराब की बोतलों के विज्ञापन लगे हुए हैं। स स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की मानसिकता पर तो जो माहौल दिाई देता है उसी का सबसे अधिक प्राव पड़ता है। स्कूल