शहरी विकास मंत्रालय ने थर्ड फेज की लिस्ट जारी की, बरेली दौड़ से बाहर

63 में 27 शहर चुने गए, यूपी से आगरा, कानपुर और वाराणसी को मिली जगह

BAREILLY:

स्मार्ट सिटी बनने का बरेली का सपना एक बार फिर चकनाचूर हो गया है। देश के चुनिंदा 98 शहरों में से सेलेक्ट होकर स्मार्ट सिटी बनने की बरेली की उम्मीदें ट्यूजडे को तीसरी बार टूट गई। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से ट्यूजडे को स्मार्ट सिटी की थर्ड फेज की लिस्ट जारी कर दी गई। जिसमें देश के 12 राज्यों से 27 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाए जाने के लिए चुना गया। लेकिन इस लिस्ट में बरेली शामिल नहीं हो सका। हालांकि बरेली से कमतर दिख रहे यूपी के आगरा, कानपुर और वाराणसी ने इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की।

रेट्रोफिटिंग का प्रोजेक्ट भी बेदम

28 जनवरी 2016 को स्मार्ट सिटी की पहली लिस्ट जारी की गई। जिसमें 20 शहर चुने गए। स्मार्ट सिटी की पहली दौड़ में बरेली का रामगंगा में ग्रीनफील्ड कटेगरी में बनाया गया प्रोजेक्ट फेल हो गया। इसके बाद 24 मई को फास्ट ट्रैक की तर्ज पर स्मार्ट सिटी के लिए 13 शहर चुने गए। जिसमें लखनऊ टॉप पर रहा। इस रेस में बरेली को शामिल ही नहीं किया गया। स्मार्ट सिटी के थर्ड फेज के लिए बरेली नगर निगम ने ब्लिक की वोटिंग के आधार पर सिविल लाइंस को चुनकर रेट्रोफिटिंग पर अपना प्रोजेक्ट बनाया। लेकिन रेट्रोफिटिंग पर बनाया गया प्रोजेक्ट भी बेदम साि1बत हुआ।

वेस्ट डिस्पोजल व इनकम में पिछड़े

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बनाने वाली टीम में शामिल जानकारों ने प्रोजेक्ट में कुछ खामियों के चलते लिस्ट से बाहर होने की संभावना जताई है। स्मार्ट सिटी के लिए जरूरी शहर में वेस्ट डिस्पोजल और इनकम के सोर्सेज पर प्रोजेक्ट को कम मार्किंग मिलने का अंदेशा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बंद होने और डोर टू डोर मुहिम कारगर न होने से भी यह स्थिति बनी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कुल 60 शहरों का सेलेक्शन हो चुका है। जिन पर 1.44 लाख करोड़ का बजट खर्च होना है।

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शहरी विकास मंत्रालय से डिटेल्ड रिपोर्ट मिलने के बाद ही प्रोजेक्ट में रह गई कमियों के बारे में जानकारी हो सकेगी। इन खामियों को दूर कर प्रोजेक्ट को बेहतर किया जाएगा। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त

तीसरी बार पिछड़ने