ट्रेंचिंग ग्राउंड बने बाकरगंज की बदहाली से शहर में बढ़ा पॉल्यूशन एनजीटी ने अपनी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में माना बाकरगंज बड़े खतरे के मुहाने पर

BAREILLY:

नगर निगम के बाकरगंज ट्रेंचिंग ग्राउंड से निकल रहे पॉल्यूशन ने शहर की आबोहवा को जहरीला बना दिया है। हर सांस के साथ फेफड़ों को खोखला करने वाले पॉल्यूटेड पार्टीकल्स बॉडी में जा रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हाल ही में इस खतरे से आगाह किया है। बाकरगंज ट्रेंचिंग ग्राउंड का इंस्पेक्शन कर लौटी एनजीटी की टीम ने दो टूक शब्दों में कहा है कि बाकरगंज में कचरा डालना तुंरत बंद कराया जाए नहीं तो बड़ी संख्या में शहरवासी बीमारियों की जद में होंगे।

बढ़ते पॉल्यूशन के साथ बीमारियां-

बाकरगंज में कूड़े के ढेर शहर की आधी से अधिक आबादी के लिए खतरा बन गए हैं। बारिश के पानी और कूड़े की सड़न से हवा में खतरनाक बैक्टीरिया बच्चों को बीमारी बना रहा है,गंदगी की वजह से बड़ी संख्या में मच्छर पनप रहे हैं, जो खतरनाक बुखार की वजह है साथ ही फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कूड़े से जमीन में हो रहे रिसाव से ग्राउंड वॉटर भी पॉल्यूटेड हो रहा है। बड़ी संख्या में शहरवासी नलकूप का पानी पी रहे हैं, जिससे टायफाइड, पीलिया व डायरिया की आशंका बनी है।

हवा में घुला जहर

बाकरगंज में एयर पॉल्यूशन तय मानकों से काफी अधिक हो गया। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइडलाइंस के मुताबिक सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) का स्टैंडर्ड मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है। लेकिन शहर में मौजूदा शहर में एसपीएम मात्रा 271 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब पहुंच गयी है। बाकरगंज के आस-पास आरएसपीएम 290 के करीब है। 2012 में यहां का एसपीएम मात्र 180 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब ही था।

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एसपीएम का नॉर्मल मानक: 100

बाकरगंज - 290 से 295

कुतुबखाना - 275 से 280

डेलापीर - 274 से 281

माधोबाड़ी - 270 से 275

नोट - एसपीएम में है।

एनजीटी ने गिनाए 5 खतरे

- बाकरगंज में 45 साल से ज्यादा शहर का कूड़ा गिराया जाना। जबकि नियमानुसार ट्रेचिंग ग्राउंड में 40 साल के बाद कूड़ा नहीं डंप किया जा सकता।

- बाकरगंज में कूड़े के 20 फीट से ज्यादा ऊंचे कूड़े के ढेर पर्यावरण के लिए नुकसानदेह।

- बाकरगंज के बगल से गुजरने वाली देवरनिया नदी में बढ़ता प्रदूषण।

- बाकरगंज ट्रेचिंग ग्राउंड का आवासीय कॉलोनी के बीच होना।

- बाकरगंज कूड़े के ढेर के पास बसी हजाराें की आबादी।

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एनजीटी को पहले ही बाकरगंज ट्रेचिंग ग्राउंड के खतरे के बारे में रिपोर्ट दे दी है। नए ट्रेचिंग ग्राउंड बनने से मुश्किल हल होगी। तब तक कूड़ा डंप करने के लिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।

- उत्तम कुमार वर्मा, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम