- कलेक्ट्रेट के कई प्रशासनिक कार्यालयों आज भी नहीं हो सकें हैं डिजिटल

- एक प्रशासनिक अधिकारी ने पत्र के माध्यम से डिजिटिलाइजेशन की मांग की

>BAREILLY: एक ओर पूरे देश को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की कवायद चल रही है तो दूसरी ओर कलेक्ट्रेट डिजिटल नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से फरियादियों के मामलों का निस्तारण और कई मामले लटके हैं। कंप्लेन पोर्टल पर अपलोडिंग और वारदातों की मजिस्टीरियल जांच के भी कई मामलों भी लेटलतीफी हो रही है। ऊपर से मामलों के निस्तारण का उच्चधिकारियों का दवाब भी है। ऐसे में एसीएम फोर्थ ने एडीएमई को पत्र लिख कंप्यूटर की व्यवस्था कराने की बात कही है।

एडीएम से लगाई गुहार

एसीएम फोर्थ ने अपनी परेशानी पत्र के माध्यम से एडीएम प्रशासन एसपी सिंह को बताई है। उन्होंने उपजिलाधिकारी और अपर नगर मजिस्ट्रेट किसी के न्यायालय में कंप्यूटर लगवाने के लिए कहा है। पत्र में लिखा है कि डीएम पंकज यादव ने उन्हें कई मजिस्टीरियल जांचों में जांच अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अलावा भी कई अन्य जांच समेत न्यायालय के राजस्व वाद भी विचाराधीन हैं। जिसमें रोजाना पोर्टल पर तिथियां अंकित करनी पड़ती हैं। यह कार्य समय से न हो पाने की वजह से अपलोडिंग का काम बढ़ने से अन्य कार्यो का भी सही ढंग से संपादन में प्रॉब्लम हो रही है। पत्र के माध्यम से उन्होंने एडीएम प्रशासन से कार्यो को सुचारू रूप से संपादित कराने के लिए एक कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन समेत और पि्रंटर को कार्यालय में स्थापित कराने की गुहार लगाई है।

भुगत रहे फरियादी

शिकायत को पोर्टल पर अपलोडिंग के बाद ही प्रमुखता से निस्तारण होता है। ऐसे में पहुंच रही शिकायतें व विचाराधीन प्रकरण एक अदद कंप्यूटर कनेक्शन न होने से लंबित हो रहे हैं। वहीं डीएम ने हाल ही में लंबित मामलों को 15 दिनों में निस्तारण के निर्देश जारी कर दिए हैं। निस्तारण न होने का सर्वाधिक खामियाजा फरियादियों को भुगतना पड़ रहा है। जिसका सीधा असर जनता के साथ-साथ प्रशासनिक अफसरों पर भी पड़ना लाजिमी है। लंबित मामले बढ़ने पर कार्रवाई के निर्देश भी हैं। उन्होंने कहा है कि इसका जल्द समाधान कक्षों में कंप्यूटर और इंटरनेट लगने के बाद ही संभव है।