- 1837 में रखी गई थी नींव, आजादी की लड़ाई में निभाई थी भागीदारी

BAREILLY:

बरेली कॉलेज एक ऐसी इमारत है जिसने न सिर्फ लोगों को शिक्षित किया बल्कि स्टूडेंट्स में देश प्रेम की अलख भी जगाई थी। नींव 1837 में रखी गई थी। इसी कॉलेज से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में गुलामी की जंजीरों से देश को आजाद कराने की मुहिम चलाई थी। क्रांतिकारियों ने इसी कॉलेज के आंगन में आंदोलन की रणनीति बनाई। एकबारगी आर्थिक तंगी के चलते यह बंद हुआ खुद को मजबूत बनाते हुए कॉलेज ने सफलता की नई इबारत लिखी। उस दौरान सिर्फ 57 स्टूडेंट ही कॉलेज में थे। जिनकी संख्या बढ़कर 22 हजार हो गई है। 1857 की क्रांति में दो शिक्षक और एक स्टूडेंट्स ने भाग लिया था। इसके साथ शुरू हुआ क्रांति के सफर ने न सिर्फ अंग्रेजों को खदेड़ा बल्कि वर्तमान में युवाओं को शिक्षित कर देश की बुनियाद का मजबूत बना रहा है बीसीबी।

बरेली का इतिहास बगैर बरेली कॉलेज के अधूरा है। स्वतंत्रता संग्राम में इस कॉलेज की अहम भूमिका रही है। पूर्व में क्रांतिकारियों के रहनुमा के तौर पहचाने जाने वाला यह कॉलेज आज भी देश का भविष्य संवार रहा है। इसके आजाद हॉस्टल में स्टूडेंट्स और टीचर्स देश को आजाद कराने की रणनीति बनाते थे।

संध्या मिश्रा, एचओडी, इतिहास विभाग