-ग‌र्ल्स हॉस्टल के आसपास रहता है युवकों को जमावड़ा

-कॉलेज मैनेजमेंट की मंशा हो रहे राजस्व नुकसान को कम करना

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

बीसीबी की टीचर्स कॉलोनी में रह रहे स्थायी और एडहॉक प्रोफेसर्स इस वक्त आवास खाली करने की सूचना से नींद उड़ी हुई है। क्योंकि बीते दिनों वित्तीय समिति की बैठक हुई थी, इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आजाद हॉस्टल और टीचर्स कॉलोनी के आवास काफी जर्जर हो चुके हैं। इसलिए इनकी मरम्मत कराई जाएगी। लेकिन वहीं, चर्चा है कि ग‌र्ल्स हॉस्टल के आसपास जमावड़ा लगा रहता है। इस कारण छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नौ प्रोफेसर्स रहते हैं कॉलोनी में

बीसीबी कैंपस में बनी टीचर्स कॉलोनी में एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रो। रामबाबू सिंह, पॉलीटिकल साइंस के प्रो। मिन्नी यादव, प्रो। योगेश शर्मा, इकोनॉमिक्स एचओडी रीना अग्रवाल, बॉटनी के प्रो। राजीव यादव, प्रो। विनोद कुमार, ग‌र्ल्स हॉस्टल वार्डन सुषमा गौंडियाल समेत नौ प्रोफेसर्स रहते हैं। इनमें से ग‌र्ल्स हॉस्टल की वार्डन और इकोनॉमिक्स की एचओडी स्थायी प्रोफेसर्स हैं। बाकी सब एडहॉक हैं। स्थायी प्रोफेसर्स के वेतन से एचआर कट जाता है। वहीं एडहॉक प्रोफेसर्स को अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत आवास के किराए के रूप में कटवाना पड़ता है। इसके अलावा कॉलेज 15-20 कर्मचारियों के परिवार टीचर्स कॉलोनी में रहते हैं। बीते दिनों कॉलेज कैंपस में हुई वित्तीय समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आजाद हॉस्टल और टीचर्स कॉलोनी काफी जर्जर होगी, इसलिए इनकी मरम्मत कराई जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रोफेसर्स को आवास खाली करने के मौखिक आदेश दिए गए हैं। ताकि एडहॉक टीचर्स से हो रहे राजस्व के नुकसान को कम किया जा सके।

वर्जन

आवास सही हालात में हैं। मुझे नहीं लगता कि आवासों को मरम्मत की जरूरत है। लेकिन कॉलेज मैनेजमेंट ने मरम्मत कराने की बात कहते हुए आवास खाली करने के निर्देश दिए हैं।

सुषमा गौंडियाल, वार्डन ग‌र्ल्स हॉस्टल

किसी प्रोफेसर्स को आवास खाली करने का आदेश नहीं दिया गया है। हालांकि वित्तीय समिति की बैठक में हॉस्टल और टीचर्स कॉलोनी के आवासों के मरम्मत कराने पर सहमति बनी थी। इसके साथ ही अगर किसी ग‌र्ल्स हॉस्टलर को कोई परेशानी है तो वह मुझे लिखित में शिकायत करे। उसकी शिकायत को दूर किया जाएगा।

डॉ। सोमेश यादव, प्राचार्य