-आरटीआई एक्टिविस्ट ने रेमेडियल कोचिंग से संबंधित सूचनाएं मांगी

>BAREILLY: बीसीबी के जनसूचना अधिकारी ने लास्ट ईयर चली रेमेडियल कोचिंग की सूचना देने के बदले एक आरटीआई एक्टिविस्ट से 21 लाख रुपए की डिमांड कर दी। जबकि सूचना के लिए पांच सौ रुपए से कम में ही दी जा सकती है। वहीं जिस लेटर के जरिए आरटीआई एक्टिविस्ट से लाखों रुपए की डिमांड की है। उसमें कई गलतियां भ्ाी हैं।

217 पेज में देना है जवाब

नवाबगंज तहसील के खजुरिया श्रीराम निवासी विक्रम सिंह ने 12 अक्टूबर को 2016 को बीसीबी से रेमेडियल कोचिंग से जुड़ी सूचनाएं मांगी थीं। आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरटीआई के तहत कॉलेज मैनेजमेंट से पूछा कि शासन ने रेमेडियल कोचिंग के लिए कितना बजट भेजा था। उस बजट से कितने स्टूडेंट्स को कोचिंग दी गई। वहीं, कितने और कौन-कौन से प्रोफेसर ने कोचिंग पढ़ाई। जन सूचना अधिकारी डॉ। दीपक आनंद ने 28 नवंबर को आरटीआई एक्टिविस्ट को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि सूचना का जवाब 217 पन्नों में उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे पाने के लिए वह आरटीआई अधिनियम की धारा 5 (2) के अधीन 21,72, 234 रुपए कॉलेज के खाते में जमा कराएं।

दो रुपए प्रति कॉपी का है प्रावधान

उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचनाएं मांगने पर आरटीआई एक्टिविस्ट से दो रुपए प्रति कॉपी लिए जाने का प्रावधान है। इस हिसाब से आरटीआई एक्टिविस्ट से 434 रुपए जमा कराने चाहिए। वहीं, जन सूचना अधिकारी ने आरटीआई एक्टिविस्ट को जो लेटर जारी किया है। उसमें कई खांमियां हैं। जन सूचना अधिकारी ने लेटर में उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार अधिनियम 2015 लिखा है, जबकि उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार अधिनियम 2005 हैं। इसके अलावा उन्होंने जिस अधिनियम की धारा 5 (2) के तहत पैसा करने को कहा है।