-बीसीबी के बॉटनी डिपार्टमेंट में दो क्लासेज के बीच गैप का हो रहा यूटिलाइजेशन

BAREILLY: बीसीबी के बॉटनी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स दो पीरियड के बीच के गैप में इधर-उधर नहीं घूमने की बजाय इसका यूटिलाइजेशन कर रहे हैं। क्योंकि डिपार्टमेंट के प्रोफेसर इस दौरान उन्हें स्वरोजगार के गुर सिखा रहे हैं। इसके लिए 50 स्टूडेंट्स के पांच ग्रुप को बनाए गए हैं।

सीखेंगे स्वरोजगार की बारीकियां

बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो। राजेश गंगवार ने बताया कि दो क्लास की गैप टाइम में स्टूडेंट इधर-उधर घूमकर अपना वक्त जाया कर देते हैं। इसलिए अब इसी वक्त में उन्हें स्वरोजगार की बारीकियां बताई जा रही हैं। इसके तहत स्टूडेंट्स को पेड़-पौधों को संरक्षित करने, कूड़े से बॉयो पेस्टीसाइड बनाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। प्रोफेसर ने बताया कि वह स्टूडेंट्स के ग्रुप को समय-समय पर आईवीआरआई ले जाते हैं। जहां पर वैज्ञानिक उनके टैलेंट संवार रहे हैं। एलोविरा, एजोला, अश्वगंधा, सर्पगंधा, कालमेद्य, बांस के पत्ते आदि की पैदावार धीरे-धीरे कम होती जा रही है। ऐसे में स्टूडेंट्स उसे संरक्षित करने के गुर सीखकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।

स्टूडेंट्स के खाली समय का सदुपयोग हो। इसके लिए यह योजना तैयार की है। स्टूडेंट्स इसमें दिलचस्पी भी ले रहे हैं। आईवीआरआई के वैज्ञानिक इसमें बहुत सहयोग कर रहे हैं।

डॉ। राजेश गंगवार , बॉटनी डिपार्टमेंट