-आरटीओ विभाग में हर महीने एक दर्जन से अधिक डाक लौट रहा वापस

- आई नेक्स्ट ने किया इंवेस्टिगेशन तो संबंधित एड्रेस पर मिला कोई और

BAREILLY:

आरटीओ ऑफिस में फेक आईडी पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का कोई गिरोह लगातार प्रयास कर रहा है। हालांकि, लाइसेंस पोस्टल एड्रेस पर भेजने की प्रोसेस के चलते जालसाज कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। यही वजह है कि हर माह 10 से 15 लाइसेंस पोस्टल एड्रेस गलत होने की वजह से लौट रहे हैं। इसकी तस्दीक करने के लिए आई नेक्स्ट ने लौटे लिफाफे पर दिए एड्रेस का मौका मुआयना किया तो पता चला कि उस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है।

आई नेक्स्ट ने भी खोजा लेकिन

सच्चाई का पता लगाने के लिए मंडे को आई नेक्स्ट ने भी आरटीओ में लौटे डाक के एड्रेस पर अप्लीकेंट्स को खोजने का प्रयास किया। आई नेक्स्ट के सामने भी कई मामले चौंकाने वाले सामने आए। ड्राइविंग लाइसेंस नंबर 11148 जो कि अजय कुमार के नाम से बना हुआ है। अजय ने आरटीओ में अपना एड्रेस मकान नंबर 36 हनुवन सिटी निकट वीरसावरकर नगर दिया है। आरटीओ से एड्रेस लेने के बाद जब आई नेक्स्ट की टीम एड्रेस पर पहुंची तो पता चला यहां पर इस नाम का कोई नहीं रहता है। यह मकान चंद्र प्रकाश का है। चंद्र प्रकाश की बेटी प्रीति ने बताया कि अजय कुमार पुत्र होरी लाल नाम से मेरे घर में कोई नहीं है। मेरे किसी रिलेटिव में भी इस नाम का कोई नहीं है। पिछले चार साल से हम लोग इस पते पर रह रहे हैं।

आतंकी के लाइसेंस ने बदला था सिस्टम

वर्ष 2012 में हाथरस एआरटीओ ऑफिस से सिमी के आतंकी फसीह मोहम्मद का लाइसेंस गलत एड्रेस पर बना था। इसके बाद परिवहन विभाग ने पोस्टल एड्रेस पर ही लाइसेंस भेजने की व्यवस्था बनाई थी। जिसके बाद गलत पोस्टल एड्रेस पर लाइसेंस बनवाना आसान नहीं रहा। यही वजह है एक के बाद एक लाइसेंस गलत एड्रेस से लौट रहे हैं।

इनके भी डाक लौट कर आए

- जगजीवन राम, धौरेरा माफी इज्जतनगर।

- राजकुमार, शांति बिहार सुभाषनगर

- शरद सक्सेना, भूड़ प्रेमनगर

- मनी पाल, संजय नगर बारादरी

- सुमीत कुमार, बक्सरिया फरीदपुर

- महेश कुमार, ढिलवारी दातागंज।

- चंद्रभान सिंह, संजय नगर।

नोट - जिनके डाक लौटे है उनका वेरीफिकेशन किया जा रहा है।

बॉक्स

- रोजाना 50 से अधिक लर्निग के आते है आवेदन।

- हर दूसरे दिन आरटीओ से 80 से अधिक लाइसेंस और लर्निग होते है डाक से डिस्पैच।

- हर महीने 10 से 15 लाइसेंस लौट आते है वापस।

- वापस आने वाले डाक में 4-5 फेक अड्रेस और नाम के होते है।

डॉक्यूमेंट और फीस

- 2 फॉर्म 2-2 रुपए का।

- नेम, एड्रेस, आईडी प्रूफ व बर्थ सर्टिफिकेट।

- लर्निग के समय दो पहिया वाहन का 30 और चार पहिया वाहन 60 रुपए।

- स्मार्ट कार्ड लाइसेंस दो पहिया 250 और चार पहिया 300 रुपए।

- लर्निग व परमानेंट लाइसेंस के समय 2-2 फोटो।

- दो टिकट लगा इंवैलप।

- ड्राइविंग टेस्ट - 50 रुपए।

- लाइसेंस जारी करने पर - 40 रुपए।

- 7 क्वेश्चन के साथ एग्जाम देना जरुरी।

हर महीने एक दर्जन से अधिक डाक वापस आ जाता है। कुछ तो अधूरे एड्रेस के चलते वापस आते हैं। वहीं कई डाक संबंधित एड्रेस और अप्लीकेंट्स के न होने के चलते वापस आ रहा है।

आरआर सोनी, आरटीओ