- जान-माल की सुरक्षा को लेकर परेशान है ज्वैलर्स

BAREILLY:

ज्वैलर्स के सामने कोई एक समस्या नहीं है। एक ओर यह जहां आए दिन चोर-उचक्कों के हाथों लूट का शिकार हो रहे हैं। वही सरकार की नीतियां भी इन्हें परेशानियों में डाले हुए हैं। शहर में सर्राफा व्यापारियों पर हुए जानलेवा हमले और लूट की वारदातों का वर्षो बाद भी पुलिस पर्दाफाश नहीं कर सकी है। जिस वजह से इनकी टेंशन समय के साथ और बढ़ी है। यही वजह है सर्राफा व्यापारियों ने देर शाम तक दुकानें खोलना छोड़ दिया।

दहशत में जी रहें ज्वैलर्स

शहर में सर्राफा व्यापारियों की संख्या तकरीबन 450 है। पॉश एरिया और घनी आबादी एरिया में बने दुकानों में शटर तोड़ कर चोरी की कई वारदातें हो चुकी हैं। दुकान से घर जाते वक्त भी दुकानदारों से छिनैती की वारदातें आए दिन होते रहती हैं। अपने साथ हो रहे वारदातों को लेकर कई बार सर्राफा व्यापारियों ने पुलिस और प्रशासन से मदद मांगी। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए सर्राफा व्यापारियों ने रात में दुकानों की देखरेख के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती कर रखी है। ताकि, उनके जान-माल की सुरक्षा हो सके।

लूट का नहीं हो सका खुलासा

सर्राफा व्यापारियों के साथ हुई लूट की कई वारदातों का पर्दाफाश नहीं हो सका है। सर्किट हाउस स्थित ज्वैलरी की दुकानें भी लूट का शिकार बन चुकी है। जहां पर चंद कदम की दूरी पर ही एसएसपी ऑफिस व आवास और कलेक्ट्रेट है। सर्किट हाउस के पास 27 अक्टूबर 2015 को दो बाइक सवारों ने आरके ज्वैलर्स को अपना निशाना बनाया था। एक बाइक और एक दुकान के अंदर आकर चेन देखने के बहाने करीब 2 लाख का चेन लेकर भाग गए। वहीं पास की एक और उमा ज्वैलर्स दुकान का शटर तोड़ लुटेरे लाखों का माल लेकर चलते बने थे। इन दोनों वारदातों का खुलासा अभी तक पुलिस नहीं कर सकी है। जबकि, चोरों को पकड़ने के लिए पुलिस ने दुकान संचालकों को पंफलेट, पेन ड्राइव के नाम पर हजारों रूपए खर्च करवा चुकी है। उमा ज्वैलर्स के ओनर स्वाधीन ने बताया कि पुलिस को फोटो और वीडियो दोनों दे चुका हूं। लेकिन, पुलिस यह बोलती है कि चोर आज-कल में पकड़ लिए जाएंगे। साल भर बीत गया लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

टै्रफिक भी एक बड़ी समस्या

सिविल लाइंस स्थिति दुकानों को छोड़ दिया जाए तो, बाकी बड़ा बाजार, आलमगिरीगंज, साहूकारा, सुभाषनगर सहित अन्य मार्केट में चल रही सर्राफा की दुकानें ट्रैफिक जाम की समस्या से गुजर रही हैं। मार्केट में रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम के चलते कस्टमर्स को गाडि़यां पार्क करने में दिक्कत आती है। जिस वजह से कस्टमर्स भी इन मार्केट में आने से कतराने लग गए है। वहीं सरकार की नीतियों ने सर्राफा व्यापारियों को और परेशान किया है। पैन कार्ड की अनिवार्यता, एक्साइज ड्यूटी के बढ़ने से उनके बिजनेस पर प्रभाव पड़ा है।

बॉक्स

- ज्वैलर्स हैं चोर-उचक्कों के टारगेट पर।

- उनके सेफ्टी का नहीं है कोई इंतजाम।

- लूट की वारदातों के चलते ज्वैलर्स ने प्राइवेट गार्ड रखने शुरू किए।

- पुलिस थानों में भी जल्दी दर्ज नहीं होती रिपोर्ट।

- लुटेरों को पकड़ने के लिए भी पुलिस कराती है कई तरह से ज्वैलर्स का खर्च।

- लूट की कई वारदातों को पुलिस नहीं कर सकी उजागर।

लूट का फोटो और वीडियो न हो तो पुलिस एफआईआर दर्ज करना भी मुनासिब नहीं समझती। मेरे दुकान से चेन की लूट साल भर पहले हुई थी। जिसका खुलासा आज तक नहीं हुआ।

नितेश अग्रवाल, ज्वैलर

ज्वैलर्स के साथ सिक्योरिटी की एक बहुत बड़ी समस्या है। आए दिन ज्वैलर्स के लूट की वारदातें होती हैं। सुरक्षा की कई बार मांग की जा चुकी है। लेकिन कोई फायदा नहीं।

विशाल मेहरोत्रा, ज्वैलर