- करीब दर्जन भर से ज्यादा विभाग बजट के सापेक्ष नहीं संवार सके 'जिले की सेहत'

- कहा, बजट देरी से हुआ जारी, फिर आचार संहिता बन गई बजट खर्च में रोड़ा

>BAREILLY: जिला योजना के तहत आने वाले 42 विभागों में से कई विभाग वित्तीय वर्ष 2016-17 में मिले बजट को खर्च नहीं कर सके हैं। जबकि अब वित्तीय वर्ष खत्म होने में सिर्फ 30 दिन ही शेष हैं। ऐसे में विभागों को जारी बजट की रकम लैप्स होने की संभावना है। सनद रहे कि जिला योजना के तहत 461 करोड़ रुपए का बजट भेजा था। हालांकि कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने विकास की बयार बहाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।

बजट भरपूर, बच्चे कुपोषित

जिला कार्यक्रम विभाग को जिले के कुपोषितों की सेहत सुधारने के लिए करीब 2 करोड़ रुपए का बजट अनुमोदित हुआ था। विभाग को रुपए भी मिले पर पुष्टाहार ही वितरित नहीं हो सका। जबकि हाल ही में हुए वजन दिवस में करीब 40 हजार अतिकुपोषित बच्चों के होने की पुष्टि हुई है। वहीं, परिवार कल्याण में भी फरियादी मदद की राह देखते रहे पर बजट की फूटी कौड़ी भी न मिल सकी। कुछ ऐसा ही हाल विकलांग कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग समेत अन्य विभागों का भी है। वहीं, अधिकारियों के मुताबिक आचार संहिता के चलते बजट जारी नहीं हो सका, ऐसे में संबंधित कार्य पूरे नहीं किए जा सके।

बहाई विकास की बयार

ग्रामीण आवास, ग्रामीण स्वच्छता, महिला कल्याण, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, गा्रमीण जलापूर्ति, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा समेत करीब दर्जन भर ऐसे विभाग हैं। जिन्होंने जारी बजट समूचा संबंधित कार्यो पर खर्च किया है। जिला योजना में इन्हीं विभागों ने सर्वाधिक बजट मांगा था। जिसके सापेक्ष बजट जारी हुआ और उन्होंने इसे मुकाम तक पहुंचाया है। हालांकि, अभी जारी बजट से हो रहे कई विभागों के कार्य प्रगति में हैं। पर खर्च हुए बजट और कार्यो की गुणवत्ता क्या है यह जांच का विषय है। क्योंकि, सूत्रों की मानें तो जारी बजट को लैप्स होने की बजाय खपाया गया है। कार्यो में गुणवत्ता का ध्यान कम ही रखा गया है।

नहीं खर्च कर सके बजट

विभाग बजट खर्च

खादी ग्रामोद्योग 17 13

कृषि विभाग 20 11.13

गन्ना 76 47.26

कृषक सहायता 156 132

पशु चिकित्सा 53.88 31.38

दुग्ध 49 39

वैज्ञानिक अनुसंधान 1.2 0

मत्स्य 12.57 0

विकलांग कल्याण 209 0

जिला कार्यक्रम 200 0

आईटीआई 585 0

पिछड़ा वर्ग 206 0

अल्पसंख्यक 108 0

नगर विकास 369 0

होमियोपैथी 60.85 0

नोट - विभागों द्वारा डीएसटीओ को सबमिट डाटा, लाख रुपए में।

निर्माणदायी संस्थाओं ने बजट शत-प्रतिशत खर्च किया है। जबकि कई विभागों को बजट जनवरी में रिलीज हुआ। जिसकी वजह से बजट उपयोग नहीं हो सका। विभागों को बजट का उपयोग के निर्देश दिए हैं।

सुरेंद्र सिंह, डीएम

जिले को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए कई योजनाओं का बजट आता है। पर अधिकारियों की लापरवाही से वह लैप्स हो रहा है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रमोद, बिजनेसमैन

आखिरी समय में बजट मिला, आचार संहिता लग गई है। यह सिर्फ अधिकारियों की बहानेबाजी है। अधिकारी हो या कर्मचारी कोई काम करना नहीं चाहता है।

अमित खंडेलवाल, बिजनेसमैन