BAREILLY:

जनता को 16 से 24 घंटे बिजली देने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास में विभाग के अफसर की बाधक बने हैं। बरेली की शहरी सीमा के करीब 31 गांवों में बिजली कंपनी के अफसरों की दादागिरी का अंधेरा छाया है। इन गांवों में निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए सरकार ने बिजली घर तो बना दिया, पर इसे चालू करने में अफसरों ने अड़ंगा लगा दिया। अडं़गा भी ऐसा की पांच करोड़ से अधिक की लागत से तैयार हुए सब स्टेशन में पोल पर लाइनमैन के बैठने का ड्रॉपर चैनल नहीं होने को बड़ी खामी बता टेकओवर से ही इनकार कर दिया। महज 500 रुपए कीमत के ड्रॉपर चैनल के चक्कर में करोड़ों का प्रोजेक्ट बर्बाद हो रहा है। करीब आठ माह से बंद पड़े प्रोजेक्ट के उपकरण भी अब खराब होने लगे हैं। चैनल भी लगा दिया गया, तो चोर करीब 10 लाख कीमत की बिजली के तार ही काट लग गए। इस परेशानी के चलते शहर से सटे गांवों के करीब 5000 घरों में सरकारी प्रकाश पर विकास कराने वाले अफसर ही खामियों का पुलिंदा बनाकर ग्रहण लगाने में जुटे हैं। मामले में एक और अहम तथ्य है कि इस टेकओवर के लिए जिम्मेदार अफसर का नाम विकास यादव है। विकास यादव एक-एक पुर्जा दुरूस्त होने पर ही टेकओवर की जिद लिए बैठे हैं और इसी इतंजार में आठ माह से सब स्टेशन के बाकी कलपुर्जे जंग खाने लगे हैं।

डेढ़ माह सफल संचालन,फिर नजर आई खामी-

ऊर्जा विभाग के निर्माण खंड ने 19 अप्रैल को ठिरिया निजावत खां में 5.2 करोड़ की लागत से तैयार हुए 33/11 केवीए सब स्टेशन को बतौर ट्रायल शुरू कर दिया। डेढ़ माह तक यह निर्बाध चला। क्षेत्र के लोगों ने राहत ली। डेढ़ माह बाद कंस्ट्रक्शन विंग ने टेकओवर पर स्वीकृति मांगी तो डिस्ट्रीब्यूशन विंग ने सब स्टेशन निर्माण में खामियां बताकर यहां से सप्लाई बंद करा नकटिया से सप्लाई जुड़वा दी। इसके बाद कई बार ट्रायल के नाम पर पावर का जोड़ना-काटना हुआ पर डिस्ट्रीब्यूशन विंग ने अभी तक इसे टेकओवर नहीं किया। इसके पीछे चर्चा यह है कि डिस्ट्रीब्यूशन विंग को नजराने की आस थी। नजराना नहीं मिला तो अफसर सरकार की अहम योजना को ही डंप करने पर उतारू हो गए।

बरेली के विकास में बड़ी बाधा-

बरेली शहर से सटे करीब 31 गांवों को इस सब स्टेशन से सप्लाई मिलनी है। इनमें पदारथपुर, बालीपुर, सारीपुर, बेनीपुर, पुन्नापुर,हुडला जागीर, परसोना, नरियावल, बिथरी शामिल हैं। इसी एरिया में बड़ी विकास योजनाएं भी चल रही हैं। दर्जनों सरकारी और निजी आवासीय कॉलोनीज इस एरिया में बसाई जा रही हैं।

सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट, बरेली में अंधकार

। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गांवों तक में 16 से 24 घंटे बिजली देने की घोषणा की थी। इसमें 200 से अधिक सब स्टेशन पर क्षमता से अधिक लोड की चुनौती थी। लोड कम करने के लिए अकेले बरेली जोन में डेढ़ दर्जन से अधिक नए सब स्टेशन बनाए गए हैं। बरेली शहर और आसपास पांच सब स्टेशन बने हैं। इनमें मढ़ीनाथ, हाफिजगंज, नंदौसी, सेटेलाइट और ठिरिया सब स्टेशन बनाए गए हैं। प्रदेश भर में लगभग सभी स्टेशन से बिजली डिस्ट्रीब्यूशन शुरू हो चुका है, ठिरिया अकेला बरेली का एक ऐसा सब स्टेशन है, जो बंद पड़ा है।

सरकारी खरीद पर ही सवाल-

बरेली के ठिरिया निजावत खां गांव में 5.2 करोड़ की लागत से बने सब स्टेशन को ऊर्जा विभाग की ही कंस्ट्रक्शन विंग ने तैयार कराया है। बिल्डिंग के अलावा बिजली के सभी उपकरण सेंट्रल स्टोर ने खरीदे हैं और पूरे प्रदेश में यही क्वालिटी यूज की गई है, लेकिन बरेली में सब स्टेशन को टेक ओवर करने से पहले डिस्ट्रीब्यूशन विंग ने घटिया उपकरण लगाए जाने के आरोप लगाकर सवाल खड़े कर दिए। जेई विकास यादव ने सब स्टेशन में लगे इंसुलेटर्स को ही घटिया करार देकर टेकओवर से इनकार कर दिया।

शहर में शामिल हो चुका उपकेन्द्र-

निर्माण शुरू होने के समय ठिरिया उपकेन्द्र देहात क्षेत्र में था। अगस्त माह में इस क्षेत्र को शहरी सीमा में शामिल करते हुए तीन से बढ़ाकर चार डिवीजन बिना दिए। वर्तमान में यह शहरी सीमा में शािमल है। इसके बावजूद नरियावल बिथरी जैसे बडे कस्बों में भी छह से आठ घंटे प्रतिदिन बिजली आती है। शाम चार बजे बाद इस एरिया में बिजली का मालिक भगवान ही है।

इस सब स्टेशन के बंद होने की वजह से नकटिया सब स्टेशन ओवरलोड है। ऐसे में वहां के एरिया में भी ट्रिपिंग की परेशानी बनी है।

10 लाख के तार चोरी-

बिजली सप्लाई शुरू होने से पहले ही इस प्रोजेक्ट में तीन बार चोरी भी हो चुकी है। करीब 10 लाख रुपए के तार चोरी हो चुके हैं। फरवरी माह में हुई चोरी में कंस्ट्रक्शन विंग के ऑफिसर्स को एफआईआर के लिए डीएम से गुहार लगानी पड़ी थी। इसके बाद भी दो बार चोरी हो चुकी। पावर सप्लाई नहीं होने के कारण वर्तमान में तार चोरी का खतरा बढ़ गया है। पूरी लाइन की सुरक्षा के लिए दिन रात सुरक्षा गार्ड रखकर पेट्रोलिंग पर आठ माह से लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। इधर जेई ने इस लाइन के जम्फर तक कटवा दिए। चोर इतने बेखौफ हो चुके हैं कि पिछले दिनों चोरी की सूचना पर पुलिस पहुंची तब भी करीब 100 मीटर तार काट ले गए।

-समय से टेकओवर नहीं करने के कारण बंद पड़े सब स्टेशन के परिचालन में इंसुलेटर, तिरछे पोल, क्रॉस आर्म और एफ क्लेप की छोटी मोटी दिक्कत आ गई है। जल्द इन्हें दुरूस्त करा डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया जाएगा-

जेपीएन सिंह, एक्सईएन डिवीजन फोर्थ, बरेली, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

ठिरिया पावर सब स्टेशन निर्माण में उच्च क्वालिटी का मैटेरियल इस्तेमाल हुआ है। जिसकी सेंट्रल स्टोर परचेजिंग करता है। पूरे प्रदेश के पावर कंस्ट्रक्शन डिवीजन यही क्वालिटी यूज करती है, ऐसे में, अकेले बरेली में घटिया कंस्ट्रक्शन कैसे संभव है।

राजेन्द्र प्रसाद

एसई कंस्ट्रक्शन

ऊर्जा विभाग

इनका कहना-

ठिरिया बरेली से सटा एरिया है। अधिकतर गांवों में शहरों जैसा जनजीवन है। सभी गांवों में मात्र छह से आठ घंटे बिजली मिल रही है। उपकेन्द्र चालू करने के लिए ऊर्जा मंत्री तक से मिला हूं, अफसरों ने कमाई के चक्कर में क्षेत्र के लोगों के जीवन में अंधेरा कर रखा है।

किस्मत अली खां, चेयरमैन नगर पंचायत ठिरिया निजावत खां

फैक्ट फाइल

सब स्टेशन-ठिरिया निजावत खां

लागत-5.2 करोड़ में निर्माण

क्षमता- 10 एमवीए मेगा वोल्ट एंपीयर

परिचालन-5 एमवीए चालू हालत में

यूजर- करीब 5000 घर रौशन होंगे

क्षेत्र- 31 गांव बरेली के निकट