-धूल फांक रही है महिला प्रकोष्ठ की शिकायत पेटिका

-छात्राओं को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना

BAREILLY बीसीबी मैनेजमेंट ने छात्राओं की सुविधाओं पर ताला लटका रखा है। महिला प्रकोष्ठ की शिकायत पेटिका चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में अलमारियों के ऊपर धूल फांक रही है। छात्रा शौचालय स्थायी रूप से बंद कर रखा है। ग‌र्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल को पुर्ननिर्माण के चलते कॉलेज मैनेजमेंट ने आवंटित नहीं किया है। हैरत की बात यह है कि स्टूडेंट्स से लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। इस कारण स्टूडेंट्स को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

नियमों की अनदेखी

यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस में होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के स्पष्ट निर्देश हैं कि कैंपस में जगह जगह शिकायत पेटिकाएं टंगवाई जाएं, ताकि छात्राएं बगैर किसी संकोच के उसमें अपनी शिकायतें डाल सकें। लेकिन बीसीबी ने यूजीसी के इस निर्देश को ठेंगे पर रख रखा है। यही कारण ही महिला प्रकोष्ठ की शिकायत पेटिका चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में अलमारियों के ऊपर रखी है। इसके साथ ही कॉलेज मैनेजमेंट ने जिम्नेजियम के पास स्थित छात्रा शौचालय के गेट को स्थायी रुप से बंद कर रखा है। छात्राओं ने इस शौचालय को कई बार चालू कराने की मांग की, लेकिन मैनेजमेंट की कान पर जूं नहीं रेंगी। इस कारण छात्राओं की समस्या जस की तस बनी हुई है।

भटक रहे हैं स्टूडेंट्स

20 अप्रैल को कॉलेज कैंपस में फाइनेंस कमेटी की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ग‌र्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल जर्जर हो चुके हैं। इस कारण उनका पुर्ननिर्माण कराया जाएगा। स्टूडेंट्स के लिए आधुनिक सुख-सुविधाओं युक्त हॉस्टल बनाया जाएगा। पुर्ननिर्माण का हवाला देते हुए कॉलेज मैनेजमेंट ने 2016 के स्टूडेंट्स को हॉस्टल आवंटित नहीं किया। इस कारण स्टूडेंट्स ठिकाना खोजने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। उधर, हॉस्टल की बिल्डिंग एतिहासिक होने के कारण पुरातत्व विभाग ने उसे तोड़ने की अनुमति नहीं दी है।

वर्जन

कॉलेज मैनेजमेंट को पहले स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके बाद हॉस्टल पर ताला लगाना चाहिए था। कॉलेज के इस फैसले ने स्टूडेंट्स की समस्या बढ़ा दी है।

अभय चौहान, छात्र नेता

दूर-दराज के स्टूडेंट्स रुम लेने के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं। इस कारण उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है। उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज स्टूडेंट्स का शोषण कर रहा है।

अवनीश चौबे, छात्र नेता